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शिक्षा क्षेत्र में कोरोना का असर, इंजीनियरिंग के एडमिशन में भारी गिरावट - engineering admission in lucknow

कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन का शिक्षा क्षेत्र पर भी बड़ा प्रभाव पड़ा. बीटेक और पाॅलीटेक्निक जैसे विभिन्न पाठ्यक्रमों में इस साल एडमिशन में भी गिरावट आई है. इस साल यूपी में पाॅलीटेक्निक की 1 लाख 14 हजार 526 सीटें खाली रह गई हैं.

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इंजीनियरिंग कॉलेज में सीटें खाली

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Published : Dec 23, 2020, 4:27 PM IST

लखनऊः कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन का शिक्षा क्षेत्र पर भी बड़ा प्रभाव पड़ा. बीटेक और पाॅलीटेक्निक जैसे विभिन्न पाठ्यक्रमों में इस साल एडमिशन में भी गिरावट आई है. इस साल पाॅलीटेक्निक की 1 लाख 14 हजार 526 सीटें खाली रह गई हैं. इसी तरह इंजीनियरिंग काॅलेजों में भी रिक्त सीटों को भरने के लिए दाखिले की प्रकिया चल रही है. वहीं शिक्षाविदों का मानना है कि कोरोना काल में लोगों की आर्थिक स्थिति खराब होने से यह स्थिति बनी है.

इंजीनियरिंग में एडमिशन पर कोरोना का असर

इंजीनियरिंग में नहीं भरी सीटें
एक तरफ जहां ऑनलाइन पढ़ाई का नया दौर शुरू हो गया है. वहीं कोरोना काल में पाॅलीटेक्निट, इंजीनियरिंग जैसे विभिन्न पाठ्यक्रमों में एडमिशन के लिए लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा में देरी हुई. इस साल पाॅलीटेक्निक संस्थानों में दाखिले की प्रकिया दस चरणों में दो माह तक चली. इसके बावजूद बीते साल की तुलना में दाखिले कम हुए.

पॉलिटेक्निक कॉलेज में सीटें खाली

प्रोफेशनल कोर्सेस में करीब 60 हजार सीटें खाली
एकेटीयू के मीडिया प्रभारी आशीष मिश्रा के मुताबिक कोरोना महामारी की वजह से एडमिशन प्रक्रिया में काफी देरी हो गई है. लेकिन पिछले सालों की तुलना में देखा जाए तो काउंसलिंग के माध्यम से जो एडमिशन होते थे. उसमें करीब 30 से 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. फिलहाल सभी कोर्सों में काउंसिलिंग प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. हालांकि डायरेक्ट एडमिशन के लिए पोर्टल खुला हुआ है. अब तक लगभग 72 हजार एडमिशन हो चुके हैं. विभिन्न पाठ्यक्रमों में मिलाकर 1 लाख 30 हजार सीटें उपलब्ध हैं. जबकि एकेटीयू से 750 से अधिक काॅलेज संबंद्ध है.

सीएस और आईटी में छात्रों की रूचि
इस बार कंप्यूटर साइंस और इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी विषयों में छात्रों की अधिक रूचि दिखी. हालांकि बीफार्मा और बीटेक सीटों पर भी अच्छा रिस्पाॅस मिल रहा है. उन्होंने बताया कि ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लास शुरू हो गई है. एकेडमिक कैलेंडर भी जारी कर दिया गया है.

'शिक्षा पर पड़ा कोरोना का असर'
संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के सचिव संतोष कुमार वैश्य ने बताया कि वैश्विक महामारी का प्रभाव शिक्षा पर भी पड़ा है. इस बार प्रवेश परीक्षा में छात्रों की संख्या काफी कमी रही. पिछले साल प्रवेश परीक्षा में 80 फीसदी छात्रों की उपस्थिति रहती थी. लेकिन इस साल 60 फीसदी रही. ऐसा माना जा रहा है कि नवंबर में आयोजित परीक्षा में कोरोना के चलते ही बच्चे नहीं आए. इस साल करीब 80 से 85 हजार दाखिला लेने वाले छात्रों की संख्या में गिरावट आई है. फिलहाल ऑफलाइन क्लासेज शुरू हो चुकी हैं.

'एक लाख 14 हजार सीटें रह गईं खाली'
सचिव संतोष कुमार ने बताया कि पाॅलीटेक्निक में कुल 66 कोर्स हैं. इस बार दस चरणों में काउंसिलिंग की प्रकिया पूरी की गई है. इन विभिन्न पाठ्यक्रमों में 2 लाख 39 हजार 155 सीटें उपलब्ध हैं. इनमें से 1 लाख 24 हजार 629 पर ही प्रवेश हो सका है. जबकि पिछले साल 1 लाख 50 हजार के करीब एडमिशन हुए थे. उन्होंने कहा कि इस बार प्रवेश परीक्षा के लिए 3 लाख 90 हजार 894 छात्रों ने पंजीकरण कराया था. इनमें से 2 लाख 55 हजार 685 छात्र शामिल हुए.

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