लखनऊः कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन का शिक्षा क्षेत्र पर भी बड़ा प्रभाव पड़ा. बीटेक और पाॅलीटेक्निक जैसे विभिन्न पाठ्यक्रमों में इस साल एडमिशन में भी गिरावट आई है. इस साल पाॅलीटेक्निक की 1 लाख 14 हजार 526 सीटें खाली रह गई हैं. इसी तरह इंजीनियरिंग काॅलेजों में भी रिक्त सीटों को भरने के लिए दाखिले की प्रकिया चल रही है. वहीं शिक्षाविदों का मानना है कि कोरोना काल में लोगों की आर्थिक स्थिति खराब होने से यह स्थिति बनी है.
इंजीनियरिंग में नहीं भरी सीटें
एक तरफ जहां ऑनलाइन पढ़ाई का नया दौर शुरू हो गया है. वहीं कोरोना काल में पाॅलीटेक्निट, इंजीनियरिंग जैसे विभिन्न पाठ्यक्रमों में एडमिशन के लिए लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा में देरी हुई. इस साल पाॅलीटेक्निक संस्थानों में दाखिले की प्रकिया दस चरणों में दो माह तक चली. इसके बावजूद बीते साल की तुलना में दाखिले कम हुए.
प्रोफेशनल कोर्सेस में करीब 60 हजार सीटें खाली
एकेटीयू के मीडिया प्रभारी आशीष मिश्रा के मुताबिक कोरोना महामारी की वजह से एडमिशन प्रक्रिया में काफी देरी हो गई है. लेकिन पिछले सालों की तुलना में देखा जाए तो काउंसलिंग के माध्यम से जो एडमिशन होते थे. उसमें करीब 30 से 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. फिलहाल सभी कोर्सों में काउंसिलिंग प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. हालांकि डायरेक्ट एडमिशन के लिए पोर्टल खुला हुआ है. अब तक लगभग 72 हजार एडमिशन हो चुके हैं. विभिन्न पाठ्यक्रमों में मिलाकर 1 लाख 30 हजार सीटें उपलब्ध हैं. जबकि एकेटीयू से 750 से अधिक काॅलेज संबंद्ध है.