लखनऊ:राजधानी के पीजीआई क्षेत्र में इंजीनियर रजत की मौत के मामले में न्याय की गुहार कर रहे परिवारीजनों और पुलिस में अब ट्विटर वार शुरू हो गया है. रजत के चचेरे भाई स्वप्निल बाजपेयी ने सीएम योगी और सीएम आफिस को ट्वीट करते हुए न्याय की मांग की है. स्वप्निल का कहना है कि पुलिस उसके भाई की हुई हत्या को आत्महत्या बताने पर तुली है. इसपर पुलिस कमिश्नर लखनऊ डीके ठाकुर ने भी उत्तर देकर निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है.
मौत की उलझी गुत्थी
राजधानी के पीजीआई कोतवाली क्षेत्र में इंजीनियर रजत बाजपेई के मौत की गुत्थी सुलझने के बजाय और उलझती जा रही है. पुलिस की पड़ताल में कुछ और तथ्यों की जानकारी मिली है. बताया गया था कि 17 नवंबर को जब पार्टी करने के लिए अर्पित, रजत को उसके घर से शाम करीब 4.30 बजे लेकर निकला तो अर्पित का मोबाइल 5.30 बजे स्विच ऑफ हो गया था. उसके बाद देर रात 10.30 बजे तक अर्पित का मोबाइल स्विच ऑफ रहा. जब तक वह रजत के साथ रहा तब तक उसका मोबाइल स्विच ऑफ रहा.
न्याय की लगाई गुहार
स्वप्निल ने सीएम को ट्वीट कर कहा - 'भाई की हत्या को एक माह पूरा हो गया है. पुलिस जांच में लापरवाही बरत रही है. पुलिस हत्या को आत्महत्या साबित करने का हर संभव प्रयास कर रही है. रजत की मौत को एक माह हो गया है, पर अभी आरोपितों से इस संबंध में पूछताछ तक नहीं हुई, क्योंकि वह रसूख दार हैं.
पुलिस कमिश्नर ने कहा-पूरा न्याय होगा
पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने स्वप्निल के इस ट्विट पर सीएम योगी और स्वप्निल को टैग करते हुए लिखा-'हम केस का गंभीरतापूर्वक जांच कर रहे हैं. कोई भी इसको आत्महत्या नहीं घोषित कर रहा है. निश्चिंत रहें, पूरा न्याय होगा.
केस का विवेचक बदलवाने के लिए दिया प्रार्थनापत्र
परिवारीजनों को पूरे मामले की विवेचना कर रहे पीजीआई इंस्पेक्टर केके मिश्र पर विश्वास नहीं है. परिवारीजनों का आरोप है कि इंस्पेक्टर पूरे मामले में आरोपितों को बचाने में तुले हैं. इस संबंध में रजत की मां अलका और अन्य परिवारीजनों ने डीसीपी पूर्वी से मुलाकात कर मंगलवार को प्रार्थनापत्र दिया. डीसीपी ने उन्हें इंवेस्टीगेशन ऑफिसर बदलवाने का आश्वासन दिया.