लखनऊ: उत्तर प्रदेश को बिना किसी व्यवधान के विद्युत आपूर्ति प्रदान करने और उपभोक्ताओं को 24x7 बिजली की आपूर्ति हो इसके लिए विद्युत व्यवस्था को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप सुदृढ़ किया जाएगा. वर्ष 2030 तक कार्बन में जीरो एमीशन प्राप्त करने के लिए कोयला आधारित उत्पादन प्लान्टों पर निर्भरता कम करने और ग्रीन एनर्जी के लिए रिन्यूएवल एनर्जी को बढ़ावा दिया जाएगा.
बुधवार को गोमती नगर स्थित एसएलडीसी परिसर में यूपी पावर कॉनक्लेव-2022 का आयोजन किया गया. इसमें केन्द्र व राज्य सरकार की सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की प्रतिष्ठित कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया. एनर्जी ट्रांजिशन इमर्जिंग रिन्युएवल टेक्नोलॉजी, थर्मल कैपासिटी, ग्रीन हाइड्रोजन, बायोफ्यूल, बायो सीएनजी एवं सोलर एनर्जी, वितरण और उपभोग के क्षेत्र में नई तकनीक का प्रयोग, लाइनलॉस कम करने, स्मॉर्ट मीटरिंग के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई.
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने, स्वच्छ ऊर्जा व अक्षय ऊर्जा की दिशा में ले जाने के लिए यह कॉन्क्लेव अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा. इससे आने वाले समय में प्रदेश की जनता को 24 घंटे उच्च गुणवत्ता और व्यवधानमुक्त विद्युत आपूर्ति मिलेगी. इसमें देश और प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र के विशेषज्ञ विद्युत उत्पादन, वितरण, ट्रांसमिशन और वैकल्पिक ऊर्जा के विषय पर अपनी राय व्यक्त करेंगे, जो कि बहुत उपयोगी होगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जाएगा. पूरी पारदर्शिता के साथ इसका लाभ लोगों को दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऊर्जा की खपत बढ़ेगी तो पूरे देश व दुनिया में इसका असर होगा. हमारे पड़ोसी राज्यों का ऊर्जा उपभोग हमसे अच्छा है. जहां हम प्रतिवर्ष 600 यूनिट प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत करते हैं, वहीं गुजरात 2400 यूनिट और पूरे देश में 1200 यूनिट प्रति व्यक्ति खपत हो रही है. सामान्य नागरिकों को 24x7 बिना किसी रुकावट के निर्वाध विद्युत आपूर्ति मिले इसके प्रयास किए जाएंगे. लाइन हानियों को कम करने के प्रयास किए जाएंगे, जो अभी 28 से 29 प्रतिशत है.