लखनऊ : गुरुवार की रात 10 बजे से शुरू हुई बिजली कर्मचारियों की 72 घंटे की हड़ताल के 12 घंटे से अधिक बीत जाने के बाद प्रदेश में बिजली व्यवस्था धीरे-धीरे चरमराना शुरू हो गई है. बिजलीकर्मियों की हड़ताल को लेकर खुद ऊर्जा मंत्री एके शर्मा सामने आए हैं. उन्होंने शक्ति भवन में एक प्रेसवार्ता कर कहा कि कर्मचारियों की हड़ताल राजनीति से प्रेरित है. अभी हमारी सरकार को आए हुए 3 महीने हुए ही हैं, फिर भी कर्मचारी संगठनों ने तुरंत ही हड़ताल कर दी है जो पूरी तरह से गलत है. इसके बाद भी प्रदेश में किसी भी तरह के बिजली संकट की कोई समस्या नहीं है. उन्होंने राज्य की जनता को आश्वस्त किया कि सप्लाई, डिमांड व आपूर्ति नियंत्रण में है, कहीं कुछ फॉल्ट हुए हैं उसे भी दूर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मैं जनता से इस समस्या के दौरान धैर्य-संयम बनाये रखने की अपील करता हूं. इसके अलावा उन्होंने अपील की कि सभी सांसद विधायक जिला पंचायत सदस्य ब्लाक प्रमुख सहित सभी गणमान्य व्यक्ति अपने-अपने क्षेत्रों में स्थिति पर नजर बनाए रखें और किसी भी अप्रिय घटना होने पर उसकी सूचना तुरंत ही सक्षम अधिकारियों को दें.
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि 'बीती रात कई जिलों में कई बिजली कर्मियों ने लाइनों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की. ऐसे लोगों को आसमान-पाताल से खोजकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. पुलिस के साथ डीजी विजिलेंस को भी मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि हड़ताल के दौरान जो कर्मचारी सुबह अपने दफ्तर पहुंचकर हाजिरी लगाकर गायब हो गए हैं, उन कर्मचारियों को पहचान कर उन पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारी हाजिरी लगाने के बाद अपने कार्यालयों व उपकेंद्रों पर उपस्थित रहे हैं. उन्हें काम नहीं करना है वह न करें. हड़ताल करना है वह करें. हाजिरी लगाने के बाद गायब रहने वाले कर्मचारियों की लिस्ट बनाकर उन पर कार्रवाई के लिए निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा सभी आउटसोर्सिंग कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वह अपने सभी कर्मचारियों को मुख्यालयों पर मुस्तैद रखें, जहां जैसी जरूरत हो वहां उनकी ड्यूटी लगाएं. उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिंग का अगर कोई कर्मचारी ड्यूटी से गायब रहता है तो ऐसे कर्मचारी की सेवा तुरंत समाप्त कर दी जाएगी, इसके स्थान पर हम लोगों की भर्ती करेंगे.'