ETV Bharat Uttar Pradesh

उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

एनबीआरआई में संरक्षित हैं विलुप्त हो रहे पेड़ पौधे, शोध कर्ताओं ने बताई प्रजातियों की खासियत - वन वीक वन लैब

सीएसआईआर-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (NBRI) में आयोजित वन वीक वन लैब कार्यक्रम के अंतर्गत शोध कर्ता जिज्ञासुओं को विलुप्त हो रहे पेड़ पौधे की प्रजातियों और उनके संरक्षण के प्रति जागरूक कर रहे हैं. साथ ही एनबीआरआई द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी साझा कर रहे हैं.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Aug 21, 2023, 2:35 PM IST

एनबीआरआई में संरक्षित हैं विलुप्त हो रहे पेड़ पौधे. देखें खबर

लखनऊ :बहुत से ऐसे पेड़ पौधे हैं जो धरती से विलुप्त होते जा रहे हैं, लेकिन एनबीआरआई की उपलब्धियां में एक उपलब्धि यह भी शामिल है कि उनके लैब में विलुप्त हो चुकी और विलुप्त होने की कगार में जो पेड़ पौधे हैं उन्हें रखा गया है. लैब में उनकी जीनोम सिक्वेंसी करके देखा गया और उन्हें संरक्षित किया गया है. इसके अलावा नॉर्थ ईस्ट इंडिया में बहुत से ऐसे पोषक तत्व वाले पेड़ पौधे हैं जो अपने यूपी में नहीं है. वर्तमान में सरकार मोटे अनाज को लेकर काफी प्रचार प्रसार कर रही हैं. इस तरह नॉर्थ ईस्ट इंडिया में बहुत से ऐसे मोटे अनाज की प्रजातियां हैं जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद साबित होते हैं.

in article image
एनबीआरआई में संरक्षित हैं विलुप्त हो रहे पेड़ पौधे.

रिसर्च फेलो वासिम सिद्दीकी ने बताया कि होया केरी जिसे मोम के पौधे, चीनी मिट्टी के फूल या शहद के पौधे भी कहा जाता है, एक एशियाई मूल पौधा है जो सुगंधित और कम रखरखाव वाले उष्ण कटिबंधीय फूलों के साथ मिल्कवीड से संबंधित है जो गेंद के आकार के क्लस्टर में उगते हैं. पौधे मोमी पत्तियों के साथ लकड़ी के तने पैदा करते हैं, जो सदाबहार रहते हैं. अब यह पौधे विलुप्त होने के कगार पर हैं जिसे एनबीआरआई ने अपनी लैब में संरक्षित किया है ताकि यह विलुप्त न हों.

एनबीआरआई में संरक्षित हैं विलुप्त हो रहे पेड़ पौधे.




इनसे मिलता है शानदार प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन

रिसर्च स्कॉलर सागर प्रसाद नायक ने बताया कि इसमें अमीनो एसिड, विटामिन ए और सी और कैल्शियम और आयरन जैसे खनिज बेहतर मात्रा में होते हैं. विंग्ड बीन एक वार्षिक पौधा है जो उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में होता है. सभी खाद्य भागों में से, कच्ची फली को उपभोग के लिए प्राथमिकता से चुना जाता है. परिपक्व बीज, पत्ते, फूल और कंद भी लोगों द्वारा खाए जाते हैं. यह सेहत के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता है. इन बीजों के फायदे भी बहुत हैं और इन बीजों के जरिए तेल भी बनता है. जिसका इस्तेमाल खाना बनाते समय किया जाता है जो काफी ज्यादा हेल्दी होता है.

एनबीआरआई में संरक्षित हैं विलुप्त हो रहे पेड़ पौधे.


एक जैसे नहीं होते हैं सभी प्लांट्स के सेल्स

सीनियर रिसर्च फेलो आकाश वर्मा ने बताया कि यहां पर मुख्य टारगेट यह नहीं है कि हम रिसर्च पर बात करें क्योंकि वह चीज स्टूडेंट को समझाने में कठिनाई होगी. इस समय हम लोग ऐसी चीज को लेकर रीसेंट हुए हैं जिसके जरिए स्टूडेंट्स के अंदर जिज्ञासा है पैदा हो. साइंस को समझने और जानने के लिए जरूरी है कि स्टूडेंट में जिज्ञासा हो. स्टूडेंट के अंदर यह जिज्ञासा होनी चाहिए कि वह जानना चाहे प्लांट्स किस तरह से बढ़ते होते हैं. प्लांट्स के सेल्स किस तरह से होते हैं. हम ऐसे बच्चों को टारगेट करके चल रहे हैं जो स्कूल व कॉलेज के बच्चे होते हैं उन स्टूडेंट्स को हम साइंस की हाई-फाई जानकारी न देकर बल्कि साइंस के फंडामेंटल को समझते हैं ताकि उनकी जो बेसिक नॉलेज है वह बढ़ सके.

एनबीआरआई में संरक्षित हैं विलुप्त हो रहे पेड़ पौधे.

सीनियर रिसर्च फेलो आकाश वर्मा के अनुसार विज्ञान की किताबों में दिखाया जाता है कि किस तरह से सेल्स दिखाई देते हैं. बीते दिन माइक्रोस्कोप के जरिए सेल्स को देखने के लिए काफी भीड़ लगी हुई थी. दरअसल यह निर्भर करता है कि स्कूल कॉलेज के कितने बच्चे 'वन वीक वन लैब' में विजीट करने के लिए आ रहे हैं. बहुत से स्कूल, कॉलेज के स्टूडेंट कहां पर विजिट करने के लिए आ रहे हैं. अहम बात यह है कि माइक्रोस्कोप पर किस तरह से प्लांट के सेल्स दिखते हैं. इसके बारे में यहां पर जानकारी लोगों को मिल रही है. कई तरह के प्लांट के सेल्स होते हैं. जरूरी नहीं है कि सभी प्लांट्स के एक ही जैसे सेल्स हो.

एनबीआरआई में संरक्षित हैं विलुप्त हो रहे पेड़ पौधे.

किताबों से थोड़ा हटकर दिखता है माइक्रोस्कोप पर

आकाश ने बताया कि कि पौधों में बड़ी केंद्रीय रिक्तिकाओं वाली यूकेरियोटिक कोशिकाएं, सेल्यूलोज युक्त कोशिका दीवारें और क्लोरोप्लास्ट और क्रोमोप्लास्ट जैसे प्लास्टिड होते हैं. विभिन्न प्रकार की पादप कोशिकाओं में पैरेन्काइमल, कोलेनकाइमल और स्क्लेरेन्काइमल कोशिकाएं शामिल हैं. किताबों में जिस तरह से सेल्स को दर्शाया गया है उसका एक मात्र फोटो है यहां पर रियल में दिखाया जा रहा है इस तरह से दिखाई देते हैं. माइक्रोस्कोप पर सेल्स की बाजी क्यों को भी देखा जा सकता है अलग-अलग पदों के बारे में भी देखकर समझा जा सकता है.

यह भी पढ़ें : हिंदू पंचांग की मदद से क्राइम कंट्रोल करेगी यूपी पुलिस, डीजीपी ने दिये ये निर्देश

ABOUT THE AUTHOR

...view details