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यूपी में तालाब व पोखर से कब्जा हटवाने की कवायद, सरकार ने बनाई ये प्लानिंग - पोखर व तालाबों पर अतिक्रमण

यूपी में करीब सात लाख से अधिक तालाब व पोखर हैं. इनमें जितने भी पोखर व तालाबों पर अतिक्रमण है उस कार्रवाई कराकर कब्जों को पूरी तरह से मुक्त कराया जाएगा.

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Published : May 10, 2023, 3:24 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अतिक्रमण के खिलाफ तेजी से कार्रवाई कर रही है. सरकार ने अब तालाबों पर कब्जों को पूरी तरह से मुक्त कराने की बड़ी प्लानिंग की है. शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार, 'तालाबों को कब्जे से मुक्त कराने के लिए बुलडोजर चलाने की कार्रवाई की जाएगी. राजस्व अभिलेखों में जितने भी तालाब दर्ज हैं, उन्हें मुक्त कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसके लिए जिला स्तर पर एक कमेटी का गठन भी किया जाएगा और अभिलेखों के अनुसार ही कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद तालाबों को संरक्षित करने और संवारने का काम होगा.'

राजस्व विभाग

राजस्व विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 'कुछ समय पहले तालाब, पोखरों को अतिक्रमण मुक्त किये जाने को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं. तालाब, पोखरों और झीलों की घटती संख्या और उन पर अतिक्रमण कब्जे की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद मुख्यमंत्री ने एक्शन प्लान बनाने के दिशा-निर्देश अफसरों को दिए हैं. मुख्यमंत्री ने तालाब और पोखरों को अतिक्रमण मुक्त करने और दोबारा अतिक्रमण न होने देने को लेकर कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया है, साथ ही अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के भी प्रावधान करने को कहा गया है. इसके मद्देनजर राजस्व विभाग ने पूरी कार्ययोजना तैयार की है. आने वाले कुछ समय मे बड़े स्तर पर तालाब, पोखर और झीलों को कब्जे से मुक्त करने का व्यापक अभियान चलाया जाएगा.'


राजस्व परिषद से मिली जानकारी के अनुसार, तालाब, झीलों पर अतिक्रमण करने वाले भू-माफिया पर शिकंजा कसने के लिए संबंधित कायदे-कानूनों को भी और सख्त किया जाएगा. तालाबों, पोखरों व झीलों के संरक्षण के लिए भी कार्ययोजना में कई प्रस्ताव किए जा रहे हैं. नगर निकाय की सीमा में स्थित सभी तालाबों, झीलों के संरक्षण और उन्हें संवारने की जिम्मेदारी भी संबंधित नगर निकायों को सौंपी गई है, हालांकि कार्ययोजना लागू होने के शुरुआती पांच साल तक तालाबों व झीलों के रखरखाव पर आने वाला खर्च राज्य सरकार वहन करेगी. इसके बाद सारा खर्च नगर निकाय उठाएंगे, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के तालाब, झील और पोखर को संरक्षण करने और उन्हें संवारने का काम ग्राम पंचायतों को करना होगा. प्रदेश में राजस्व अभिलेख के अनुसार, करीब सात लाख से अधिक तालाब, पोखर हैं, जिनमे करीब साढ़े छह लाख के करीब ही बचे हैं और बाकी में अतिक्रमण और कब्जे हैं जिन्हें मुक्त कराया जाएगा.


राजस्व परिषद के चेयरमैन संजीव मित्तल कहते हैं कि 'प्रदेश के जिन तालाबों और पोखरों पर कब्जे और अतिक्रमण हैं उन्हें मुक्त कराया जाएगा और उन्हें संरक्षित कराया जाएगा. इसकी पूरी प्लानिंग की गई है. बड़े स्तर पर अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी.'

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