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कौन पी गया नवाबों के शहर के 1600 तालाबों का पानी - लखनऊ में पोखरों की संख्या

प्रदेश भर में तालाबों पर अतिक्रमण हो रहे हैं. हजारों की संख्या में तालाब खत्म हो गए हैं. हालात राजधानी के भी ठीक नहीं हैं. नवाबों के शहर लखनऊ में 1592 तालाबों पर अवैध कब्जा हो गया है.

राजधानी लखनऊ में 11,269 तालाब हैं.
राजधानी लखनऊ में 11,269 तालाब हैं.

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Published : Nov 26, 2020, 7:24 PM IST

Updated : Nov 26, 2020, 7:58 PM IST

लखनऊ:जिस उत्तर प्रदेश में 7 लाख से ज्यादा तालाब हैं, उसकी राजधानी में ही सैकड़ों तालाब गायब हो गए हैं. राजस्व अभिलेखों में दर्ज आंकड़ों के अनुसार, राजधानी लखनऊ में 11,269 तालाब हैं. इनमें से 1592 तालाबों पर अवैध कब्जे हो गए हैं. राजधानी के लोग जमीन की लालच में इन तालाबों को ही निगल गए हैं.

राजधानी लखनऊ में 11,269 तालाब हैं.

पानी को लेकर देश भर में हायतौबा मची हुई है. भारत में रहने वाली दुनिया की 16 फीसदी आबादी के पास महज 4 फीसदी पीने का पानी है. ऐसे में कुओं का भरना, नदियों का प्रदूषित होना और तालाबों पर हो रहे कब्जे पानी के स्त्रोतों को खत्म कर रहे हैं. हालात यह हैं कि जो पीने के पानी की किल्लत अब तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नजर आ रही थी, अब राजधानी लखनऊ में भी दिखने लगी है. भूजल स्तर लगातार नीचे जा रहा है. अगर अब भी हमने पानी के स्त्रोतों को बचाने की दिशा में कदम नहीं बढ़ाए तो संभव है, गोमती के किनारे बसी नवाबों की नगरी भी टैंकरों के पानी से प्यास बुझाए.

अतिक्रमण की भेंट चढ़ गए 1592 तालाब

जमीनों पर अतिक्रमण रोकने के लिए योगी सरकार ने भू माफिया स्कॉड का गठन किया. तालाबों से अतिक्रमण हटाने के भी दावे किये, लेकिन लखनऊ के बढ़ते शहरीकरण की पहली भेंट तालाब ही चढ़े. राजधानी में 11 हजार से ज्यादा तालाब हैं, ज्यादातर पर अतिक्रमण है. हालांकि सरकारी दावे 1592 तालाबों के गायब होने की ही तस्दीक करते हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एंटी भू माफिया स्क्वॉड का गठन किया था. इस अभियान के तहत पूरे उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई. तमाम कार्रवाई के बावजूद भी उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर सरकारी तालाब पर अवैध कब्जे हैं.

सूबे के बड़े शहरों में तालाबों पर अतिक्रमण के हालात.
प्रदेश में तालाबों की स्थिति

सन 1952 से राजस्व अभिलेखों में 7,06,145 तालाब दर्ज हैं. राजस्व अभिलेखों में दर्ज 7,06,145 तालाबों में से 35,567 तालाबों पर वर्तमान में भी अवैध कब्जे मौजूद हैं. हालांकि पिछले कुछ वर्षों में शासन के निर्देशों पर कार्रवाई करते हुए 42,717 तालाबों को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया है. इन तालाबों को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के बाद तालाबों की खोदाई कर पुनर्जीवित किया गया है. वर्तमान में राजस्व अभिलेख में दर्ज 7,06,145 तालाबों में से 6,61,828 तालाब अतिक्रमण मुक्त हैं.

लखनऊ की बड़ी कार्रवाइयां

  • राजधानी लखनऊ की मलिहाबाद तहसील के अंतर्गत 8 बीघे में फैली ससपन झील से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई. झील पर अवैध कॉलोनी का निर्माण किया गया था.
  • बीकेटी क्षेत्र में 52 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली झील को अतिक्रमण मुक्त कराया गया. इस समय झील की खोदाई का काम चल रहा है. झील से निकलने वाली मिट्टी का प्रयोग हाईवे के निर्माण में किया जा रहा है.
  • बिजनौर में 15 हेक्टेयर में फैले तालाब पर अतिक्रमण हो गया था. बीते दिनों इस तालाब से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई है. तालाब को पाट कर यहां पर अवैध तौर पर प्लॉटिंग कर दी गई थी. अब इस तालाब को पुनर्जीवित करने के लिए निजी कंपनी को ठेका दिया गया है.

राजधानी लखनऊ में 11,269 तालाब राजस्व अभिलेखों में दर्ज हैं, जिनमें से 1592 तालाबों पर अवैध कब्जे हैं. बीते कुछ वर्षों में राजधानी लखनऊ में प्रभावी कार्रवाई करते हुए तालाबों से अतिक्रमण हटाया गया है. राजधानी लखनऊ में 102 तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कराकर उन्हें पुनर्जीवित किया गया है.

अमर पाल सिंह, एडीएम प्रशासन, प्रभारी एंटी भू माफिया स्कॉड

Last Updated : Nov 26, 2020, 7:58 PM IST

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