लखनऊ :कैरियर डेंटल कॉलेज का मालिक अजमत का बेटा व सपा सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री रहे मो. इकबाल का विवादों से पुराना नाता रहा. सिर्फ 90 रुपये ने पूर्व मंत्री को गर्त में पहुंचा दिया. बाराबंकी टोल प्लाजा पर 90 रुपया टोल टैक्स न देने को लेकर फायरिंग करने पर महीनों जेल काटी और लखनऊ ही नहीं प्रदेश भी छोड़ना पड़ा. यही नहीं, इकबाल ने सपा शासन काल में मुख्यमंत्री के खास रहे एक IPS की जमकर किरकिरी कराई थी. अब उसका भी खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है.
दरअसल, अपने रुतबे का गलत इस्तेमाल कर इकबाल ने लखनऊ के SSP रहे IPS से अपने एक विरोधी के घर ये कहकर छापा डलवा दिया कि उसके आवास पर अवैध असलहे का जखीरा हैय IPS ने भारी मात्रा में असलहे बरामद कर गिरफ्तारी की. मगर जांच में पकड़े गए असलहे एयरगन निकले. इसे लेकर IPS अफसर की मीडिया में जमकर किरकिरी हुई.
कारनामों की लंबी फेहरिस्त
पूर्व मंत्री इकबाल के कारनामों की लंबी फेहरिस्त है. एक अन्य मामले में इकबाल व उसके करीबी फंसे लेकिन सत्ता की हनक में बच निकले. दरअसल, इकबाल के करीबी ने हिन्दू बनकर उनके मेडिकल कॉलेज की ही एक डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही आजमगढ़ की युवती को अपने जाल में फंसाया. फिर प्यार का हवाला देकर उसे गलत रास्ते पर ले जाने का दबाव बनाया.
इसके चलते लड़की ने फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली. खास बात यह है कि फंदे पर लटकने से ठीक पहले उसने लड़के को फोन कर उसकी करतूतों के लिए कोसा था. 30 मिनट की काल रिकॉर्डिंग में इकबाल व उसके करीबी की करतूतों की दास्तां थी. ये रिकॉर्डिंग पुलिस के हत्थे लग गई. पुलिस ने जांच शुरू की लेकिन फिर हमेशा की तरह इस बार भी वह बच निकला. जांच ठंडे बस्ते में डाल दी गई.
कभी मामूली नौकरी करता था अजमत, बाप-बेटे पर 11 FIR
मड़ियांव के घैला गांव का अजमत अली सामान्य परिवार से ताल्लुक रखता था. उनकी नाममात्र की पैतृक संपत्ति थी. उसने परिवार चलाने के लिए निसार अली के यहां 1000-1200 रुपये प्रतिमाह की नौकरी की. हालांकि, अमीर बनने की चाहत में उसने गिरोह बनाकर अवैध तरीके से संपत्तियां हथियानी शुरू कर दीं. इस काम में उसका बेटा इकबाल भी शामिल हो गया.
दबंगई के बदौलत अजमत घैला गांव का प्रधान बना. मड़ियांव थाने में अजमत पर पहला मुकदमा 2000 में मारपीट व एससी-एसटी में दर्ज हुआ था. दस साल बाद हत्या के प्रयास का केस दर्ज हुआ. मड़ियांव थाने में ही उस पर हत्या के प्रयास, कूटरचित दस्तावेज तैयार कर संपत्तियां बनाने व बलवा जैसे आठ मुकदमे दर्ज हैं. इकबाल पर भी मड़ियांव थाने में तीन केस दर्ज हैं.