लखनऊ: उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने बिजली कर्मचारियों की हड़ताल खत्म कराने के लिए रविवार को विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के नेताओं को वार्ता के लिए आमंत्रित किया. वार्ता के लिए समिति के नेता जल निगम के फील्ड हॉस्टल पहुंचे भी, लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी ऊर्जा मंत्री वार्ता के लिए आए ही नहीं. नेताओं को बिना वार्ता के ही लौटना पड़ गया.
वार्ता के लिए मंत्री के न पहुंचने पर संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि जब भी सरकार की तरफ से हमें वार्ता के लिए बुलाया जाएगा हम तैयार हैं. जहां तक बात हड़ताल की बात है तो हमारी टोकन स्ट्राइक रविवार रात 10 बजे तक जारी रहेगी. अगर कोई दमनात्मक कार्रवाई होती है तो ये टोकन हड़ताल अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदल जाएगी.
उत्तर प्रदेश में गुरुवार रात 10 बजे से बिजली कर्मचारियों की हड़ताल शुरू हुई है. रविवार रात 10 बजे हड़ताल के 72 घंटे पूरे होने हैं. हड़ताल खत्म कराने के लिए ऊर्जा मंत्री ने कई बार विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के अलावा हड़ताल में शामिल संगठनों के नेताओं से वार्ता की, लेकिन वार्ता हर बार बेनतीजा ही रही. रविवार को एक बार फिर ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे के साथ अन्य नेताओं को जल निगम के फील्ड हॉस्टल में आमंत्रित किया. हड़ताल कर रहे नेता वार्ता के लिए पहुंचे थे लेकिन ऊर्जा मंत्री ही वादाखिलाफी कर गए.
मंत्री खुद वार्ता के लिए नहीं पहुंचे. जब दोनों पक्ष में वार्ता नहीं हुई तो समिति के संयोजक ने कहा कि जब भी वार्ता होगी तो हमारी प्रमुख मांग होगी कि जो भी संविदा कर्मी सेवा से बर्खास्त किए गए हैं उन्हें वापस सेवा में लेने की होगी. साथ ही जिन नेताओं और बिजली विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है, उसको भी वापस लेने की मांग रखी जाएगी. जब तक मांगें पूरी नहीं होगी तब तक बात नहीं बनेगी.