उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

यूपी की जनता को लग सकता है महंगी बिजली का झटका, बिजली कंपनियां तैयार कर रहीं टैरिफ प्रस्ताव

By

Published : Apr 3, 2022, 9:34 PM IST

यूपी में बिजली की कीमतें बढ़ सकती हैं, नियामक आयोग ने भी सभी बिजली कंपनियों से अगले 10 दिनों के अंदर स्लैब वार टैरिफ प्लान दाखिल करने के निर्देश दे दिए हैं.

यूपी की जनता को लग सकता है महंगी बिजली का जोरदार झटका
यूपी की जनता को लग सकता है महंगी बिजली का जोरदार झटका

लखनऊ :कोरोना महामारी के कारण यूपी में बिजली की दर में पिछले 3 सालों से कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. लेकिन अब महंगाई के दौर में जनता को बिजली का जोरदार करंट लग सकता है. बहुत जल्द बिजली कंपनियां उत्तर प्रदेश के लोगों को महंगी बिजली का झटका दे सकती हैं. दो दिन पहले ही पड़ोसी राज्य उत्तराखंड ने बिजली दरें महंगी करने पर मुहर लगा दी है.

ऐसे में अब उत्तर प्रदेश में भी बिजली की दरों में बढ़ोतरी हो सकती है. नियामक आयोग ने भी सभी बिजली कंपनियों से अगले 10 दिनों के अंदर स्लैब वार टैरिफ प्लान दाखिल करने के निर्देश दे दिए हैं. ऐसे में संभव है कि जून के आखिर या फिर जुलाई में लोगों को महंगी बिजली दरें चुकाने को मजबूर होना पड़े.

गौरतलब है कि यूपी विधानसभा चुनाव से पहले तमाम राजनीतिक दलों ने वादा किया था कि उनकी सरकार बनेगी तो 300 यूनिट बिजली फ्री मिलेगी. किसी पार्टी ने वादा किया कि कोरोना काल का बिल माफ होगा बाकी का हाफ होगा, लेकिन इन राजनीतिक दलों की सरकार नहीं बन पाई. अब ऐसे में मौजूदा सरकार बिजली की दरों में इजाफे के मूड में है.

बिजली की दरें बढ़ाने को लेकर नियामक आयोग की तरफ से टैरिफ प्लान को लेकर कंपनियों को निर्देशित कर दिया है. फिलहाल, उत्तर प्रदेश में बिजली पहले से ही देश के सभी राज्यों से ज्यादा महंगी है. ऐसे में आम जनता बिल्कुल भी नहीं चाहती कि बिजली की दर में जरा भी इजाफा हो. बिजली की दरें बढ़ने की सुगबुगाहट होते ही उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने नियामक आयोग में इसका विरोध करने का फैसला लिया है. उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश की बिजली कंपनियों पर पहले से ही उपभोक्ताओं का 20 हजार करोड़ से ज्यादा बकाया है.

ऐसे में बिजली की दरें बढ़ाने के बजाय कम करना चाहिए. फिलहाल, पावर कारपोरेशन से 10 दिन में जवाब दाखिल करने के नियामक आयोग के निर्देश के बाद माना जा रहा है कि बिजली दरें बढ़ेंगी. बता दें कि दो साल पहले भी बिजली दरें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया था लेकिन कोविड-19 के चलते यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया था.

इसे पढ़ें- यूपी के 7442 मदरसों की जांच करेगा बोर्ड, आधुनिकीकरण योजना के गलत लाभ की आशंका

ABOUT THE AUTHOR

...view details