लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कई उत्पादन इकाइयों से विद्युत उत्पादन ठप होने के चलते राजधानी समेत प्रदेश भर में बिजली संकट (Eletricity Problem) गहरा गया है. शहरी इलाकों में तो कम बिजली कटौती हो रही है, लेकिन ग्रामीण इलाके बड़े बिजली संकट से जूझने लगे हैं. ऊर्जा विभाग का जो रोस्टर है उससे करीब पांच से छह घंटे कम बिजली उपभोक्ताओं को मिल रही है. ऐसे में गर्मी में पसीना बहाते हुए लोग बिजली आपूर्ति बहाल होने का इंतजार करते हैं.
उत्तर प्रदेश के अनेकों जनपदों में पिछले चार दिनों से बिजली संकट पर उपभोक्ता परिषद ने वेबिनार का आयोजन किया. कई जनपदों के विद्युत उपभोक्ताओं ने कहा कि 'पिछले चार दिनों से ग्रामीण क्षेत्रों में रोस्टर के मुताबिक 18 घंटे नहीं बल्कि सिर्फ 12 से 13 घंटे ही विद्युत आपूर्ति मिल पा रही है. रात में बहुत कम सप्लाई हो रही है. उपभोक्ताओं ने मांग की है कि उपभोक्ता परिषद पावर कार्पोरेशन से यह मांग उठाए कि ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत उपभोक्ताओं को रात में रोस्टर की ज्यादा से ज्यादा बिजली उपलब्ध कराई जाए.' उपभोक्ता का परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि 'बारा और टांडा की अलग अलग 660 मेगावाट की मशीन जो एक-दो दिन में आने वाली है उसके चालू होते ही प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को लगभग अतिरिक्त 1000 मेगावाट बिजली और मिलने लगेगी. इससे बिजली कटौती में थोड़ा सुधार होगा.'