लखनऊ:उपभोक्ताओं को समय से सेवाएं मुहैया कराने के लिए राज्य विद्युत नियामक आयोग ने फरवरी 2020 में स्टैंडर्ड ऑफ परफारमेंस रेगुलेशन 2019 बनाया था. इसे बिजली कंपनियों को लागू करना था, लेकिन दो साल से कंपनियां ऐसा नहीं कर पाईं. ऐसे में अब बिजली कंपनियों ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार कर लिया है, जिससे सारा सिस्टम ट्रांसपेरेंट होगा और ऑनलाइन उपभोक्ता इस ऐप पर अपनी शिकायत दर्ज करा पाएंगे. उपभोक्ताओं को समय से सेवाएं न मिलने या फिर शिकायतों का समाधान न होने पर बिजली उपभोक्ताओं को मुआवजा मिलने का कानून इसी महीने के अंत तक लागू होने की उम्मीद जताई जा रही है.
दरअसल, बिजली कंपनियों की ओर से उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग में जो जवाब दाखिल किया गया है उसमें सॉफ्टवेयर तैयार होने की जानकारी भी दी गई है. कंपनियों ने दाखिल जवाब में कहा है कि इसी महीने इस सॉफ्टवेयर को पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी की जा रही है. सॉफ्टवेयर पर पूरी व्यवस्था ऑनलाइन होगी. उपभोक्ता की शिकायत दर्ज करते ही लाइनमैन से लेकर डायरेक्टर तक के मोबाइल पर कंप्लेंट दिखने लगेगी. कंपनियों ने आयोग को यह भी जानकारी दी है कि विद्युत निवारण संहिता 2005 के प्रावधानों के मुताबिक सॉफ्टवेयर में उपभोक्ताओं को सभी तरह की समस्याओं के लिए मानक निर्धारित किए गए हैं.
दो माह के अंदर मिलेगा मुआवजा:उपभोक्ता जैसे ही सॉफ्टवेयर पर कोई शिकायत दर्ज कराएगा तत्काल लाइनमैन से लेकर विभिन्न स्तरों से होते हुए निदेशक के मोबाइल पर प्रदर्शित होने लगेगी. उपभोक्ता को भी इसके जरिए फीडबैक भेजा जाएगा. समस्या का तय अवधि के अंदर ही अगर समाधान नहीं होगा तो उपभोक्ता खुद-ब-खुद मुआवजे का हकदार हो जाएगा. बिजली विभाग उस पर अमल करना शुरू कर देगा. ये आवजा उपभोक्ता के बिजली बिल में जुड़ जाएगा. दो माह के अंदर हरहाल में मुआवजा देना अनिवार्य किया गया है.