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बिजली विभाग के अफसर ही करा रहे थे बिजली चोरी, निलंबित

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बिजली विभाग के चार इंजीनियर बिजली चोरी कराते पकड़े गए हैं. विभाग के एमडी ने चारों को निलंबित कर दिया है.

लखनऊ में बिजली विभाग
लखनऊ में बिजली विभाग

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Published : Dec 22, 2020, 11:08 AM IST

लखनऊःजब सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का...यह कहावत आजकल बिजली विभाग के अफसरों और बिजली चोरों पर सटीक बैठती नजर आ रही है. एक तरफ प्रदेश सरकार ने बिजली चोरी रोकने के लिए बड़े स्तर पर अभियान छेड़ा हुआ है, दूसरी तरफ विभाग के अफसर ही बिजली चोरी कराने में संलिप्त पाए जा रहे हैं. सोमवार को ऐसे ही चार अफसरों को विद्युत विभाग के एमडी ने निलंबित कर दिया.

लखनऊ में बिजली विभाग की जांच

वेतन वृद्धि पर भी रोक
बिजली चोरी कराने के आरोप में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ. सूर्यपाल गंगवार ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई की. उन्होंने विभाग के चार इंजीनियरों को इसमें संलिप्त पाया. इन सभी अफसरों को निलंबित कर विभिन्न क्षेत्रों से संबद्ध कर दिया है. साथ ही वेतन वृद्धि पर भी रोक लगा दी है.

अयोध्या और लखनऊ क्षेत्र से संबद्ध किए गए अभियंता
मध्यांचल के एमडी सूर्यपाल गंगवार ने लेसा के चार अभियंताओं की जांच कराई और बिजली चोरी में उन्हें संलिप्त पाया. ठाकुरगंज के एक अपार्टमेंट में पिछले दिनों बड़ी बिजली चोरी पकड़ी गई थी. उपभोक्ता 8 फ्लैट में 28 किलोवाट की बिजली चोरी कर रहे थे लेकिन बिजली विभाग के अधिकारी इस बड़ी बिजली चोरी को पकड़ने में नाकाम रहे. यहां पर एसडीओ मोहम्मद रिजवान और अवर अभियंता अनिल कुमार तैनात हैं. इसके अलावा 23 अक्टूबर को गुडंबा में चेकिंग अभियान के दौरान बिना कनेक्शन 40 किलोवाट बिजली चोरी हो रही थी. इस जांच में जीपीआरए उपकेंद्र के एसडीओ शैलेंद्र कुमार और अवर अभियंता अरविंद कुमार को दोषी पाया गया. एमडी ने ठाकुरगंज के दोनों अधिकारियों को मुख्य अभियंता अयोध्या क्षेत्र और जीपीआरए उपकेंद्र के अधिकारियों को लखनऊ क्षेत्र से संबद्ध कर दिया है.

इन अधिकारियों पर की गई कार्रवाई
ठाकुरगंज बिजली घर पर तैनात उपखंड अधिकारी मोहम्मद रिजवान सिद्दीकी और अवर अभियंता अनिल कुमार को दोषी पाते हुए कार्रवाई की गई. इसके अलावा जीपीआरओ उपकेंद्र पर तैनात उपखंड अधिकारी शैलेंद्र कुमार और अवर अभियंता अरविंद कुमार को बिजली चोरी कराने का जिम्मेदार ठहराया गया है.

चला था मॉर्निंग रेड अभियान
बिजली विभाग का निजीकरण न होने पाए, इसके लिए बड़े अधिकारियों ने अधीनस्थों को बिजली क्षेत्र में बेहतर सुधार करने के निर्देश दिए थे. बिजली चोरी रोकने पर खास जोर दिया गया था. विभाग की तरफ से बाकायदा मार्निंग रेड अभियान भी चलाया गया. तमाम जगह बिजली चोरी पकड़ी गई लेकिन बड़े स्तर पर जो बिजली चोरी हो रही थी उस पर बिजली विभाग के अभियंता मेहरबान थे.

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