लखनऊ: बिजली विभाग के इंजीनियर इन दिनों अपनी मांगों को मनवाने के लिए अनोखा विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड का निजीकरण किए जाने के फैसले का विरोध, पिछले कई सालों से तमाम मांगों को लेकर अब तक कोई समाधान न होने से नाराज इंजीनियर अपना विरोध जताने के लिए रात भर जागकर बिजलीघरों पर काम करके सरकार को जगाने का प्रयास कर रहे हैं. सहयोग सत्याग्रह के जरिए इंजीनियर अतिरिक्त कार्य करके अपना विरोध जता रहे हैं. 8 सितंबर से अब तक अभियंता अपने घर नहीं जा रहे हैं, बल्कि रात भर उपकेंद्रों पर ही विभागीय काम के साथ ही जनता की समस्याओं का निबटारा भी कर रहे हैं.
इस तरह विरोध जता रहे इन्जीनियर्स
राज्य विद्युत परिषद जूनियर इन्जीनियर्स संगठन के आह्वान पर 8 सितम्बर से अगले 48 घण्टे तक प्रदेश के सभी उत्पादन गृहों, जल विद्युत गृहों, पारेषण निगम और वितरण निगम के सभी कार्यालयों/विद्युत उपकेंद्रों में कार्यरत अभियंता सहयोग सत्याग्रह कर रहे हैं. 9 सितम्बर की रात को भी अधिकारी अपने-अपने स्थानों पर जमे रहकर काम निबटाने में जुटे हुए रहे. इस दौरान वह झटपट पोर्टल की पेंडेंसी पूरी तरह शून्य करके उसकी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं. पोर्टल पर आवश्यक डाटा फीडिंग का कार्य भी निबटा रहे हैं. ट्रांसफॉर्मरों का लोड मापन कराकर उसकी बैलेंसिंग और अतिभारित क्षमता वृद्धि के लिए आवश्यक एस्टीमेट बनाने का कार्य कर रहे हैं. उपभोक्ताओं से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं. इसके अलावा उपकेंद्रों के स्विच यार्ड, कंट्रोल रुम के उपकरणों/उपयंत्रों का बारीकी से निरीक्षण कर उनकी कमियों को दूर करा रहे हैं. उत्पादन निगम/जल विद्युत निगम में भी रात-दिन काम किया जा रहा है. यहां पर विद्युत तंत्रों का बारीक निरीक्षण कर मेंटेनेंस के लिए आवश्यक कार्रवाई किये जाने का पत्र बनाने, उत्पादन में वृद्धि किये जाने के लिए आवश्यक सुझाव लिखित रुप से तैयार कर उच्च अधिकारियों को भेजने की तैयारी कर रहे हैं.