लखनऊ: पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज पर कर्मचारियों ने उत्पीड़न का आरोप लगाया है. कर्मचारियों का आरोप है कि कोरोना काल में बिजली विभाग के अभियंता और अधीनस्थ कर्मचारी लगातार मौत के मुंह में समा रहे हैं, लेकिन उनकी समस्याओं पर प्रबंधक का ध्यान नहीं जा रहा है. ऐसे में विद्युत कर्मचारियों ने 25 मई से चेयरमैन एम देवराज के साथ पूर्ण असहयोग करने का फैसला किया है.
200 से अधिक बिजली कर्मियों की हो चुकी है मौत
विद्युत अभियंता संघ के अध्यक्ष वीपी सिंह ने बताया कि कोरोना काल में ऊर्जा निगमों के अभियंता और कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में काम कर रहे हैं. हजारों की संख्या में विद्युत कर्मी कोरोना संक्रमित हुए हैं. इसके अलावा 200 से ज्यादा अभियंता और कर्मचारी काल के गाल में समा चुके हैं. ऐसे में प्रबंधक को विद्युत कर्मियों को फ्रंटलाइन वर्कर का दर्जा देकर प्राथमिकता पर वैक्सीन लगवाना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.
कर्मचारी 25 मई को करेंगे असहयोग
उत्तर प्रदेश विद्युत अभियंता संघ के अध्यक्ष वीपी सिंह ने पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज के खिलाफ 25 मई से पूर्ण असहयोग किए जाने की घोषणा की है. उनका कहना है कि विद्युत अभियंता और कर्मचारी अपनी जान में जोखिम डालकर विद्युत आपूर्ति और अन्य कार्य फ्रंटलाइन वर्कर की तरह कर रहे हैं. लेकिन, न तो उन्हें कोई दर्जा दिया गया और ना ही उन्हें प्राथमिकता से वैक्सीन लगवाने की कोई व्यवस्था की गई. यहां तक कि शिकायत करने के बाद भी चेयरमैन एम देवराज ने संघ के पदाधिकारियों के प्रति उत्पीड़न की कार्रवाई प्रारंभ कर दी. इस संबंध में 22 मई को वार्ता भी की गई, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला. जिससे पूरे प्रदेश में विद्युत अभियंता आक्रोशित हैं
'शासनादेश का हो रहा उल्लंघन'
कर्मचारियों का उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन में शासन के द्वारा जारी 33 फीसदी कर्मचारियों की उपस्थिति के शासनादेश का उल्लंघन हो रहा है. सभी कैश काउंटर इन कार्यालयों में शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित की जा रही है. इसकी नियमित समीक्षा भी चेयरमैन के द्वारा हो रही है. इन्हें विद्युत कर्मचारी की जान से कोई लेना देना नहीं है. साथ ही कर्मचारियों ने कहा कि अभियंता संघ का मनोबल तोड़ने हेतु संगठन के पदाधिकारियों के विरुद्ध उत्पीड़न की कार्रवाई का सिलसिला प्रारंभ है.
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