लखनऊ:निजीकरण को लेकर लगातार बिजली कर्मी आंदोलित हैं. दरअसल 25 सितंबर से दो अक्टूबर तक बिजली कर्मी सांसदों और विधायकों को ज्ञापन सौंपने का अभियान शुरू कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ बिजली विभाग के लिपिक भी अब आंदोलन के लिए कमर कस चुके हैं. प्रदेश भर के लिपिक एक अक्टूबर से तीन अक्टूबर तक ऊर्जा प्रबंधन का ईमेल भरेंगे. लिपिक डिजिटल अभियान शुरू कर ऊर्जा प्रबंधन के ईमेल इनबॉक्स को भरकर अपना विरोध प्रदर्शित करेंगे. इसके साथ ही चार और पांच अक्टूबर को लिपिक ट्विटर, फेसबुक और अन्य डिजिटल माध्यमों से अपने साथ हो रहे भेदभाव को प्रबंधन से अवगत कराएंगे.
लखनऊ: अक्टूबर में डिजिटल अभियान चलाएंगे बिजली विभाग के लिपिक - electricity department clerks will start digital campaigns
प्रदेश भर के बिजली कर्मी लिपिक एक अक्टूबर से तीन अक्टूबर तक ऊर्जा प्रबंधन का ईमेल भरेंगे. दरअसल लिपिक डिजिटल अभियान के जरिए ऊर्जा प्रबंधन के ईमेल इनबॉक्स को भरकर विरोध करेंगे और अपनी समस्याओं से उन्हें अवगत कराएंगे.
विद्युत कार्यालय सहायक संघ के केंद्रीय अध्यक्ष सुनील प्रकाश पाल ने बिजली विभाग में निजीकरण के विरोध में चल रहे ध्यानाकर्षण कार्यक्रमों के अलावा उपेक्षा झेल रहे लिपिक कर्मचारियों के डिजिटल आंदोलन कार्यक्रम की घोषणा की है. केंद्रीय अध्यक्ष ने ऊर्जा प्रबंधन पर लिपिक विरोधी होने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बिजली विभाग में कार्यरत प्रत्येक गैर तकनीकी कर्मचारी आहत है. साथ ही आरोप लगाया कि ऊर्जा प्रबंधन जान-बूझकर लिपिक कार्मिकों के साथ भेदभाव कर रहा है. लिपिकों की 20 से 25 वर्ष तक पदोन्नति नहीं होती है, जिसके चलते लिपिकों में आक्रोश पैदा हो गया है. वहीं आरोप है कि ऊर्जा प्रबंधन गैर तकनीकी संवर्ग के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपना रहा है और इस संवर्ग को महत्वहीन समझा जा रहा है.
प्रदेश मीडिया प्रभारी राजेंद्र विक्रम ने बताया कि प्रदेश में कोविड-19 को ध्यान में रखकर डिजिटल ध्यानाकर्षण कार्यक्रम घोषित कर दिए गए हैं. इसके तहत एक से तीन अक्टूबर तक 'ईमेल भरो' आंदोलन चलाया जाएगा. साथ ही चार से पांच अक्टूबर तक सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्म्स के जरिए अधिकारियों का ध्यान लिपिक संवर्ग की समस्याओं की तरफ आकर्षित किया जाएगा.