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बिना नोटिस दिए ही उपभोक्ताओं का लोड बढ़ा रहीं बिजली कंपनियां, आ रहीं शिकायतें - यूपी की खबरें

यूपी में बिजली कंपनियां बिना नोटिस दिए ही उपभोक्ताओं का लोड बढ़ा रही हैं. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 17, 2023, 9:19 AM IST

लखनऊ: गर्मी के मौसम में उपभोक्ताओं के कनेक्शन के निर्धारित लोड में इजाफा हो जाता है जिससे बिल पर सेंक्शन लोड से ज्यादा डिमांड आने लगती है. पहले जहां लगातार तीन माह तक किसी भी उपभोक्ता की डिमांड ज्यादा आती थी तो विभाग की तरफ से नोटिस देकर उपभोक्ता का भार बढ़ाया जाता था. इसके लिए एक माह का समय दिया जाता था, लेकिन अब बिजली कंपनियां मनमानी कर रही हैं. बिना नोटिस दिए ही तीन माह तक जिन उपभोक्ताओं की डिमांड ज्यादा आ रही है सिस्टम से ऑटोमेटिक उनका लोड बढ़ा दिया जा रहा है। अब उपभोक्ता इसकी शिकायत कर रहे हैं.



लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में इस समय उपभोक्ता शिकायत कर रहे हैं कि उनका कनेक्शन जितने किलो वाट का है ऑटोमेटिक उनके कनेक्शन का भार बढ़ गया है, जबकि इसके लिए न तो बिजली विभाग को कोई प्रार्थना पत्र दिया और ना ही बिजली विभाग की तरफ से डिमांड बढ़ने को लेकर कोई नोटिस दी गई. ऑटोमेटिक ही एक से दो किलोवाट का जो कनेक्शन है उसे चार किलोवाट का कर दिया गया है, निर्धारित लोड से ज्यादा डिमांड आने पर इस तरह ऑटोमेटिक भार बढ़ाने को लेकर प्रदेश भर से उपभोक्ता शिकायत कर रहे हैं.


इस मामले पर उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि उपभोक्ता परिषद प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों को यह बताना चाहता है कि वह आयोग की तरफ से जारी टैरिफ आदेश के बिंदु सात में प्रावधानित व्यवस्था के तहत ही जिन विद्युत उपभोक्ताओं का भार लगातार तीन माह अधिक आता है उसे एक महीने की नोटिस देने के बाद ही उनका भार बढ़ाया जाए. हो सकता है उपभोक्ता यह सूचित कर दे कि अब उसका भार नहीं बढ़ेगा. ऐसी दशा में उसका भार नहीं बढाया जा सकता, इसीलिए आयोग के जारी टैरिफ आदेश में स्पष्ट प्रावधान किए गए हैं.


विद्युत वितरण संहिता में भी यही व्यवस्था प्रावधानित है. अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशक ये सुनिश्चित करें कि उनकी बिजली कंपनियों के क्षेत्र में घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के भार बढाने के संबंध में जो कार्रवाई की जा रही है वह विद्युत नियामक आयोग की तरफ से जारी टैरिफ आदेश व विद्युत वितरण संहिता में दिए गए नियमों के तहत ही है. अगर किसी भी खंड या सर्कल में आयोग दके बनाए गए कानून का उल्लंघन हो रहा है तो बिजली बिजली कंपनियों का प्रबंधन ऐसे अभियंताओं को चिन्हित कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करे. इससे कहीं ना कहीं सरकार की छवि धूमिल होती है.




उन्होंने कहा कि उपभोक्ता परिषद पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन से भी हम मांग करते हैं कि वह सुनिश्चित करे की सभी बिजली कंपनियों मे आयोग के जारी किए गए टैरिफ आदेश के तहत ही घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के भार बढाये जा रहे हैं. अगर ऐसा नहीं किया जा रहा है तो दोषी अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

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