लखनऊ. उत्तर प्रदेश के 75 जिलों के साथ ही दर्जन भर परियोजनाओं में कार्यरत बिजली कर्मियों ने विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार को कार्य बहिष्कार कर दिया. विभागीय कर्मचारियों ने पूर्ण बहिष्कार न करके शिफ्ट वाइज कार्य बहिष्कार किया. लखनऊ के फील्ड हॉस्टल में बिजली विभाग के तमाम संगठनों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान संगठन के नेताओं ने प्रबंधन को अल्टीमेटम दिया कि अगर मांगों पर विचार नहीं किया गया तो हड़ताल की जाएगी. हालांकि मंगलवार शाम ऊर्जा मंत्री से वार्ता के बाद कार्य बहिष्कार खत्म हो गया.
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (Electricity Employees Joint Struggle Committee) के साथ ही राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ (State Electricity Board Engineers Association) और संविदा के अन्य संगठनों ने मंगलवार को फील्ड हॉस्टल में विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रबंधन पर बिजलीकर्मियों ने अनदेखी का आरोप लगाया. 15 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना था कि प्रबंधन की तरफ से कर्मचारियों की समस्याओं पर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है. लगातार निजीकरण करने की कोशिश की जा रही है.
विभिन्न मांगों को लेकर बिजलीकर्मियों ने किया कार्य बहिष्कार, ऊर्जा मंत्री के आश्वासन पर माने - various
उत्तर प्रदेश के 75 जिलों के साथ ही दर्जन भर परियोजनाओं में कार्यरत बिजली कर्मियों ने विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार को कार्य बहिष्कार कर दिया. विभागीय कर्मचारियों ने पूर्ण बहिष्कार न करके शिफ्ट वाइज कार्य बहिष्कार किया. हालांकि मंगलवार शाम ऊर्जा मंत्री से वार्ता के बाद कार्य बहिष्कार खत्म हो गया.
फील्ड हॉस्टल में जुटे बिजलीकर्मियों का कहना था कि प्रबंधन लगातार मनमानी कर रहा है. कर्मचारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है. संविदाकर्मियों की तमाम समस्याएं हैं जिनका निराकरण नहीं हो रहा है. संगठन की तरफ से मांग की गई है कि पंजाब, हरियाणा और तेलंगाना की तरह संविदाकर्मियों को नियमित किया जाए. पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल की जाए. कर्मचारियों का उत्पीड़न बंद किया जाए. वहीं बिजलीकर्मियों का प्रदर्शन मंगलवार शाम ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा (Energy Minister Arvind Kumar Sharma) से वार्ता के बाद खत्म हो गया. ऊर्जा मंत्री (energy minister) ने समम्याओं के निदान के लिए एक माह का समय मांगा है और आश्वासन दिया कि सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा.
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