लखनऊ :हाईकोर्ट में सुन्नी वक्फ बोर्ड के एक्सटेंशन को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी. इस पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस बेंच ने एक्सटेंशन रद्द करने के साथ ही फिर से चुनाव कराने का आदेश दिया था. इसे लेकर सुन्नी वक्फ बोर्ड ने चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है. 7 मार्च को सुन्नी वक्फ बोर्ड का चुनाव कराया जाएगा.
बोर्ड के 11 सदस्यों में से 8 सदस्यों का चुनाव होता है. तीन सदस्यों को नामित करने का अधिकार प्रदेश सरकार के पास है. सूत्रों की मानें तो इस बार के चुनाव में 8 सदस्यों में से सिर्फ दो मुतावल्ली सदस्यों के लिए ही चुनाव होने की उम्मीद है. अन्य सदस्य निर्विरोध चुनकर आ सकते हैं. सुन्नी वक्फ बोर्ड गुरुवार को निर्वाचन नामावली तैयार कर इसे देर शाम तक जारी कर दिया गया.
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आपसी सहमति से 6 पदों पर हो सकता है निर्विरोध निर्वाचन
उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में 11 सदस्य होते है. इनमें 8 सदस्य चुने जाते हैं और 3 सदस्य राज्य सरकार द्वारा नामित होते हैं. इन 8 सदस्यों में से 2 सुन्नी मुस्लिम संसद सदस्य, 2 सुन्नी मुस्लिम विधानमंडल सदस्य, राज्य बार काउंसिल के 2 सुन्नी मुस्लिम सदस्य और एक लाख रुपये प्रतिवर्ष की आय वाले वक्फ औकाफ के दो मुतावल्ली शामिल हैं. मौजूदा वक्त में 7 सुन्नी मुस्लिम संसद सदस्य और 31 सुन्नी मुस्लिम विधायक हैं. सूत्रों की मानें तो सांसद और विधायक कोटे के पदों पर आपसी सहमति से सदस्य बनने की उम्मीद है. राज्य बार काउंसिल में केवल 2 ही सुन्नी मुस्लिम सदस्य हैं. उनका निर्विरोध चुना जाना तय है. ऐसे में मुतावल्ली कोटे के दो सदस्यों का ही चुनाव होने की उम्मीद है.
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