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रामपुर उपचुनाव में धांधली का संज्ञान ले निर्वाचन आयोग, सपा के मनोज पांडेय ने कह दी बड़ी बात - rigging

समाजवादी पार्टी के विधानसभा में मुख्य सचेतक मनोज पांडेय ने शीतकालीन सत्र समय से पहले स्थगित करने पर सत्ता पक्ष को सवालों के घेरे में खड़ा किया है. इसके अलावा उपचुनाव के दौरान मैनपुरी, रामपुर और खतौली में धांधली और कम मतदान प्रतिशत के बाबत निर्वाचन आयोग से जांच की मांग की है. पढ़िए विस्तृत खबर...

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Published : Dec 7, 2022, 2:19 PM IST

लखनऊ . समाजवादी पार्टी के विधानसभा में मुख्य सचेतक मनोज पांडेय ने कहा कि जिस उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए हम सब चुनकर आते हैं, न्याय और जनता का मंदिर माना जाता है. यूपी सरकार ने कैबिनेट बैठक करके शीतकालीन सत्र को तीन दिन के मंजूरी दी थी. कार्यमंत्रणा बैठक में भी तीन दिन का सत्र चलाने की बात कही गई थी, लेकिन सत्र सिर्फ दो दिन तक ही चलाया गया, जो लोकतंत्र की हत्या है. आज यूपी के किसान नौजवान परेशान हैं. धान खरीद की समस्या से किसान परेशान हो रहे हैं. खाद बीज का संकट है. बिजली की अघोषित कटौती हो रही है. थाने तहसील में सुनवाई नहीं हो रही, ऐसे तमाम महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर सदन में चर्चा होनी थी. इन मुद्दों को विपक्ष सदन में न उठा सके और चर्चा न हो, इसलिए सरकार ने सत्र स्थगित कर दिया.

मुख्य सचेतक मनोज पांडेय (Chief Whip Manoj Pandey) ने कहा कि विधानसभा की कमेटियों का गठन (Formation of committees of the assembly) भी अभी तक नहीं हो पाया है. लोक लेखा समिति जैसी कई महत्वपूर्ण समिति का गठन नहीं हो पाया. यह देश में पहला राज्य होगा जहां समितियों का गठन नहीं हुआ. सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है. मैनपुरी रामपुर व खतौली उपचुनाव में लोकतंत्र की हत्या हुई है. मतदान में धांधली की गई. बुजुर्ग मतदाताओं को मतदान करने से रोका गया और लाठियों से मारा गया और महिलाओं को घर में घुसकर मारा गया. मतदान से रोकने के लिए लाठी डंडों से मारकर घायल किया गया. समाजवादी पार्टी की मांग है कि निर्वाचन आयोग मतदान के आंकड़े का संज्ञान ले और कार्रवाई करे. इसी तरह रामपुर में लोकसभा और विधानसभा के उपचुनाव में मतदाताओं को रोका गया और मतदान कम कराया गया है. मतदाताओं को घर से निकलने नहीं दिया गया.


मुख्य सचेतक (Chief Whip Manoj Pandey) ने कहा कि कानपुर के सपा विधायक इरफान सोलंकी (SP MLA Irfan Solanki) को फंसाया गया है. उस घटना से विधायक का कोई सम्बंध नहीं है, लेकिन उन्हें सरकार के इशारे पर एफआईआर दर्ज कराकर कार्रवाई करते हुए जेल भेजा गया. सपा विधायकों का प्रतिनिधिमंडल जांच करने गया तो सारी सच्चाई सामने आई. विधायक और उनके परिवार के लोग वहां नहीं थे. परिवार से बदसलूकी की गई. विधायक को अपमानित करने का काम किया गया. विपक्षी सदस्यों को फंसाने का काम सत्ता पक्ष के लोग कर रहे हैं जो बंद होने चाहिए. विपक्ष की आवाज को दबाने का काम किया जा रहा है. हमारा विश्वास निर्वाचन आयोग पर है. हमने उन्हें बार बार धांधली की जानकारी दी है. हमें विश्वास है कि निर्वाचन आयोग कार्रवाई करेगा.

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