लखनऊ: केंद्रीय निर्वाचन आयोग (central election commission) के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा (Chief Election Commissioner Sushil Chandra)सहित चुनाव आयोग की पूरी टीम मंगलवार को तीन दिवसीय दौरे पर राजधानी लखनऊ आ गई. देर शाम योजना भवन में उन्होंने उत्तर प्रदेश के राजनीतिक दलों के साथ बैठक की और निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराए जाने को लेकर राजनीतिक दलों से सुझाव भी लिए. राजनीतिक दलों में विपक्षी दलों की तरफ से निर्वाचन आयोग को सुझाव दिए गए, जिसमें सत्ता पक्ष के दुरुपयोग सहित अन्य तमाम सुझाव दिए गए. साथ ही पुलिस प्रशासन के बड़े अधिकारियों को हटाने की भी मांग की गई है.
राजनीतिक दलों के साथ बैठक में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष एके शर्मा, प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर, बसपा के प्रतिनिधि मेवालाल, समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम, कांग्रेस प्रवक्ता ओमकार नाथ सिंह राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे मनोज सिंह शामिल हुए थे.
चुनाव आयोग ने की राजनीतिक दलों के साथ बैठक भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रदेश उपाध्यक्ष एके शर्मा ने कहा कि हमने चुनाव आयोग से कहा है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला पोलिंग बूथ पर महिला पुलिस कर्मियों की नियुक्ति की जाए. इसके साथ ही महिला वोटरों का वेरिफिकेशन सख्ती के साथ कराया जाए. कोरोना के बढ़ते मामले के चलते भीड़भाड़ वाले इलाकों में पोलिंग बूथ की समीक्षा हो और इसकी संख्या भी बढ़ाई जानी चाहिए. इसके अलावा भाजपा ने कहा है कि एक ही परिवार के सदस्य अलग-अलग बूथ पर जाकर मतदान न करें, यह सुनिश्चित किया जाए कि परिवार के सभी सदस्य एक ही बूथ पर भेजे जाएं और मतदान प्रक्रिया निष्पक्ष तरीके से संपन्न हो.
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वहीं, बसपा के प्रतिनिधि मंडल ने चुनाव आयोग से कहा कि चुनाव समय से होने चाहिए. साथ आदर्श चुनाव आचार संहिता को सख्ती से लागू कराने के लिए ठोस कार्यवाही की जानी चाहिए. हाल के वर्षों में जो चुनाव संपन्न हुए हैं, उन चुनाव प्रक्रिया के दौरान हर प्रकार की धांधली व अनियमितता हुई है. चुनावी स्वार्थ के लिए अनुचित इस्तेमाल करने की प्रवृत्ति बढ़ी है. ऐसी स्थिति में बसपा की मांग है कि निर्वाचन आयोग ऐसी प्रवृत्ति को रोकने का काम करें.
साथ ही चुनाव में धार्मिक रंग देकर जिस प्रकार से संकीर्ण स्वार्थ की राजनीति की जा रही है, उस पर भी चुनाव आयोग को सख्त कानूनी रवैया अपनाने की जरूरत है. कोरोना काल में भी जिस प्रकार से रैलियों व रोड शो के माध्यम से चुनाव आचार संहिता का खुला उल्लंघन किया जा रहा है, वो भी दुखद है. इसे भी रोकने की जरूरत है.
चुनाव आयोग ने की राजनीतिक दलों के साथ बैठक कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधि मंडल में शामिल कांग्रेस प्रवक्ता ओमकार नाथ सिंह ने कहा कि हमने निष्पक्ष चुनाव कराए जाने की मांग आयोग से की है. संवैधानिक पदों पर बैठे अधिकारियों द्वारा निष्पक्ष कार्यवाही की बात कही है. यह भी कहा है कि उत्तर प्रदेश में यूपी पुलिस के भरोसे निष्पक्ष चुनाव कराना संभव नहीं है और केंद्रीय पुलिस बल की निगरानी में चुनाव कराए जाएं. उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी को हटाने की मांग भी की गई है. इसके अलावा चुनाव समय पर कराए जाने की मांग भी हमने आयोग से की है. कहा कि भारतीय जनता पार्टी को डर है कि वह चुनाव हार रही है. इसलिए चुनाव टालने की कोशिश की जा रही है. चुनावी रैलियों में सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग भी रोकने की मांग की गई है.
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समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि 80 वर्ष के ऊपर के मतदाता व दिव्यांग मतदाताओं की सूची सभी राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराने की मांग की गई है. क्रिटिकल बूथों की लिस्ट भी राजनीतिक दलों को देने की मांग हमने की है. मतदान के बाद सही रिजल्ट न निकलने पर दोबारा मतदान कराने की बात कही है. मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान काटे गए नामों की सूची भी सार्वजनिक करने की मांग हमने की है.
साथ ही जिन अधिकारियों ने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री की जनसभाओं में जनता को जुटाने के लिए सरकारी धन का दुरुपयोग किया है, उन्हें भी हटाने की हम ने मांग की है. चुनाव में प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराने और आचार संहिता के उल्लंघन पर कड़ी कार्यवाही कराए जाने की मांग भी की गई है.
चुनाव आयोग ने की राजनीतिक दलों के साथ बैठक राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि प्रत्याशी की मांग पर 50 फीसद वीवीपैट का मिलान करने की अनुमति दी जाए. संवैधानिक पदों पर बैठे लोग चुनाव कार्यक्रमों में संविधान विरोधी अलगाववादी बयानबाजी कर रहे हैं. उन पर अंकुश लगाने की बात हमने कही है और सरकारी संसाधनों का चुनावी रैलियों में जो दुरुपयोग किया जा रहा है, उसे भी तत्काल रोकने और कार्यवाही की मांग की गई है.
राजनीतिक दलों की बैठक के बाद केंद्रीय चुनाव आयोग के अफसरों ने उत्तर प्रदेश में प्रवर्तन एजेंसियों वाले नोडल विभागों से भी बात की और चुनाव में होने वाले खर्च पर मॉनिटरिंग करने के दिशा निर्देश दिए हैं.
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