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सरकार के एक फैसले से युवाओं में संस्कृत सीखने की लगी होड़, महीने भर में हुए 8000 से ज्यादा रजिस्ट्रेशन

यूपी के लोगों में इन दिनों संस्कृत सीखने को लेकर होड़ मच गई है. संस्कृष भाषा (Sanskrit Language) को सीखने के लिए बड़ी संख्या में लोग यूपी संस्कृत संस्थान (UP Sanskrit Sansthan) द्वारा चलाई जा रही ऑनलाइन क्लास (online class) के लिए रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं. ऐसे में उम्मीद जगी है कि संस्कृत भाषा के दिन एक बार फिर बहुरेंगे.

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Published : Jul 27, 2021, 9:36 AM IST

Updated : Jul 27, 2021, 10:26 AM IST

उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान
उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के लोगों में संस्कृत भाषा (Sanskrit Language) सीखने को लेकर होड़ मच गई है. आलम यह है कि यूपी संस्कृत संस्थान (UP Sanskrit Sansthan) की ऑनलाइन क्लास (online class) में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में लोक पंजीकरण करा रहे हैं. बीते 1 महीने में 8000 से ज्यादा लोगों ने संस्कृत सीखने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराया है. यहां दिन में एक घंटा ऑनलाइन संस्कृत सिखाने की व्यवस्था की गई है.

उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष डॉ. वाचस्पति मिश्र (Dr. Vachaspati Mishra, President of Uttar Pradesh Sanskrit Sansthan) ने बताया कि इस सुविधा से जुड़ने के लिए बड़ी संख्या में युवा और छात्र आगे आ रहे हैं. वह सिर्फ एक मिस कॉल के जरिए अपना पंजीकरण कराकर इन कक्षाओं से जुड़ सकते हैं. उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान की तरफ से हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है. फोन नंबर 9522340003 पर मिस कॉल अलर्ट के जरिए कोई भी व्यक्ति इन कक्षाओं से जुड़ सकता है.



संस्कृत को रोजगार से जोड़ने की तैयारी


डॉ. वाचस्पति मिश्र ने बताया कि संस्कृत भाषा की स्थिति में बदलाव और युवा पीढ़ी को इस तरफ खींचने के लिए अब इसे रोजगार से जोड़ने का प्रयास बड़े स्तर पर किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि योग, कर्मकांड, ज्योतिष और आयुर्वेद यह चार ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें संस्कृत पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए रोजगार की अपार संभावनाएं हैं. इस को ध्यान में रखते हुए बदलाव किए जा रहे हैं. जल्द ही इसके नतीजे देखने को मिलेंगे.

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प्रदेश में बिगड़ रही संस्कृत स्कूलों की हालत


संस्कृत भाषा को लेकर उत्तर प्रदेश में चाहे जितने भी दावे किए जा रहे हों, लेकिन यहां संस्कृत पठन-पाठन के लिए चल रहे सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है. हालत यह है कि राजधानी के ही ज्यादतर संस्कृत विद्यालय बंद हो चुके हैं. प्रदेश के विद्यालयों में संस्कृत शिक्षकों की भारी कमी है. जिसके चलते भवन और छात्र होने के बावजूद यहां पढ़ाई पूरी तरह से बंद हो चली है. विद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षक वेतन विसंगतियों जैसे मुद्दे पर कई वर्षों से सरकार से खफा हैं. लेकिन, तमाम प्रयासों के बावजूद कोई नतीजा नहीं निकल पा रहा है.

Last Updated : Jul 27, 2021, 10:26 AM IST

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