लखनऊ: मुसलमानों का सबसे बड़ा पर्व ईद उल फितर आज मनाया जा रहा है. कोरोना काल के बाद यह पहला मौका है, जब लोग गले मिलकर ईद मना रहे हैं. बता दें कि सपा मुखिया अखिलेश यादव, उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, मंत्री दानिश आजाद अंसारी सहित कई हस्तियां ईदगाह पहुंचीं और लोगों को ईद की बधाई दी.
लखनऊ के ईदगाह और मस्जिदों में अदा की ईद की नमाज
कोरोना के बाद इस बार सामूहिक रूप से ईदगाह और मस्जिदों में नमाज भी अदा की गई. मुस्लिम समुदाय के लिए इस बार ईद उल फितर विशेष इसलिए भी है, क्योंकि ईद मिलन समारोह और एक-दूसरे के घर जाकर मिलने का भी दौर शुरू होगा. कोरोना के चलते पिछले दो वर्षों से लोग घर पर रहकर ही ईद मना रहे थे. राजधानी लखनऊ में मुसलमानों ने इस ईद को सबके साथ मिलकर मनाने पर खुशी का इजहार किया है.
अलीगढ़ में सड़क पर पढ़ी गई ईंद की नमाज
अलीगढ़ में मंगलवार को सुबह ईद उल फितर की नमाज ईदगाह के सामने सड़क पर ही पढ़ी गई और इस बार पिछले सालों से भी अधिक संख्या में नमाजी ईदगाह पहुंचे. हालांकि, शहर मुफ्ती खालिद हमीद ने मस्जिद और ईदगाह के अंदर ही नमाज पढ़ने की अपील की थी. लेकिन, इस अपील को दरकिनार कर दिया गया. वहीं, कोरोना की तीसरी लहर के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से ईदगाह और मस्जिदों में लोगों का उत्साह देखने को मिला.
बाराबंकी के ईदगाह में दो शिफ्टों में अदा की गई नमाज
वहीं, यूपी के बाराबंकी में भी दो वर्षों बाद लोगों ने ईदगाह में ईद की नमाज अदा की और मुल्क में अमन चैन व तरक्की के लिए दुआएं मांगीं. कोरोना के बाद ये पहला मौका था, जब लोगों ने खुलकर एक-दूसरे को गले लगाया और मुबारकबाद दी. इस दौरान ईदगाह में उमड़ी नमाजियों की भीड़ के चलते पहली बार शहर की ईदगाह में दो शिफ्टों में ईद की नमाज अदा की गई.
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झांसी में हजारों लोगों ने एक साथ अदा की ईद की नमाज
झांसी में भी 2 साल बाद ईदगाह पर हजारों लोगों ने एक साथ ईद की नमाज अदा की. इस मौके पर शहर काजी मुफ्ती साबिर काजमी ने ईदगाह में नमाज अदा कराते हुए देश में अमन और चैन की दुआ मांगी. इस मौके पर जिले के चप्पे-चप्पे पर पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम कर रखे हैं.
सीओ सिटी डॉ. प्रदीप कुमार ने कहा कि पूरे शहर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे और चप्पे-चप्पे पर बैरिकेडिंग लगाकर संदिग्ध लोगों की जांच की जा रही थी. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि ईद की नमाज जैसे शांतिपूर्वक अदा की गई है, वैसे ही सभी जब एक-दूसरे से मिलने जाएं तो एक गाड़ी पर तीन सवारी न बैठे और तेज गाड़ी न चलाएं. यातायात के नियमों का पालन करें और हंसी-खुशी ईद का त्यौहार मनाएं.
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