लखनऊ: मुसलमानों का सबसे बड़ा पर्व ईद-उल-फितर देश में 14 मई यानी शुक्रवार को मनाया जाएगा. बुधवार देर शाम शिया सुन्नी चांद कमेटी ने इसका ऐलान कर दिया है. बुधवार को चांद नहीं नजर आने के चलते कल गुरुवार को आखिरी रोजा रखा जाएगा, जिसके बाद जुमे के दिन ईद-उल-फितर का पर्व पड़ेगा. मरकजी चांद कमेटी फरंगी महल के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद ने बेहद सादगी से इस वर्ष ईद मनाने की अपील की है.
नहीं नजर आया चांद, 14 मई को मनाई जाएगी ईद उल फितर
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत कई जगहों पर चांद का दीदार नहीं हुआ. ऐसे में अब 14 मई को ईद मनाई जाएगी और 13 मई को रमजान का 30वां रोजा रखा जाएगा.
ईद पर भी प्रोटोकॉल का करें पालन
मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि इस साल कोरोना महामारी को देखते हुए ईद का त्योहार बेहद सादगी से मनाए और घरों में रहे किसी से मिलने जा जाए. उन्होंने कहा कि इस ईद न गले मिले और न ही हाथ मिलाए. मौलाना ने कहा कि कोरोना के खात्मे के साथ दुनिया मे अमन चैन और खास तौर से इजराइल द्वारा फिलिस्तीनियों पर हो रहे हमले में लोगों की जान माल की हिफाजत की दुआ करें. मौलाना खालिद राशीद ने कहा कि बैतूल मुकद्दस की हिफाजत के लिए ईद पर सभी लोग दुआ करें.
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