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बकरीद में कुर्बानी के लिए बकरामंडी में पहुंचा 8 लाख का सुल्तान, दो कुंतल है वजन

यूपी की राजधानी लखनऊ के बकरीद में कुर्बानी के लिए दुबग्गा बाजार में एक अनोखा बकरा आया है. इसमें एक बकरे की कीमत 8 लाख रुपये बताई जा रही है. इस बकरे को हर आने-जाने वाला खरीदार निहार रहा है.

लखनऊ में 8 लाख का बकरा सुल्तान
लखनऊ में 8 लाख का बकरा सुल्तान

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Published : Jun 27, 2023, 1:58 PM IST

लखनऊःईद-उल-अजहा (बकरीद) का त्योहार गुरुवार को मनाया जाएगा. ऐसे में कुर्बानी करने के लिए लोग बकरे की खरीदारी महीने भर पहले ही शुरू कर देते है. बकरे की खरीदारी चांद रात तक जारी रहती है. हर साल बकरीद में किस्म-किस्म के बकरों की कुर्बानी होती है. बाजार में अलग-अलग बकरों की अलग-अलग कीमत होती है. लेकिन, इस बार यूपी की राजधानी लखनऊ के दुबग्गा बाजार एक अनोखा बकरा आया है, जिसकी कीमत 8 लाख रुपए है. इस बकरे का नाम सुल्तान है.

मण्डी का सबसे महंगा बकरा सुल्तानःबकरीद में महज दो दिन बाकी है.ऐसे में कुर्बानी के लिए बकरामंडी में खरीदारों की भीड़ भी बढ़ने लगी है. दुबग्गा बकरामंडी में इन दिनों अलग-अलग नस्ल के बकरे दिख रहे हैं, जिनकी कीमत लाखों रुपये में है. उन्नाव के बांगरमऊ से लखनऊ की दुबग्गा बकरा मंडी आए व्यापारी हसीन के बकरे सुल्तान को आने-जाने वाला हर खरीदार निहार कर देखता है. करीब 5 फिट ऊंचाई और 2 कुंटल का सुल्तान बकरामंडी में अब तक का सबसे महंगा बकरा है.

दूध उत्पादन क्षमता अधिकः के व्यापारी हसीन ने बताया कि सुल्तान 24 महीने का है. इसकी लंबाई 4 फिट है और यह ग्वालियर विस्ता नस्ल का है. वह सुल्तान को जौ, चना, मटर और मक्का खिलाते हैं. यह दिखने में सफेद रंग का है. बता दें कि बाजार में करीब 18 हजार से लेकर 8 लाख तक के बकरे मौजूद हैं. एक अन्य विक्रेता अकील हुसैन ने कहा कि यह बीटल नस्ल की खासी बकरा है, जो पूरे जॉगर्स पार्क बकरी बाजार में सबसे महंगा है. इसे देखने के लिए दूर दराज से भी लोग यहां आ रहे है. इसके अलावा इसकी बराबरी मालाबारी और जमनापारी नस्ल वाले बकरे से भी की जा रही है. इसे "लाहोरी बकरी" के नाम से भी जाना जाता है. यह अपने विशाल आकार और अच्छी दूध उत्पादन क्षमता के कारण लोकप्रिय है.

गरीबों की गायः सुलतानपुर के रहने वाले अशरफ ने कहा कि कम चारे में जीवित रहने और प्रतिकूल परिस्थितियों में अनुकूलन करने की क्षमता के कारण इसे 'गरीबों की गाय' के रूप में भी जाना जाता है. वे इस बाजार में इसे लेकर इसलिए आए है, ताकि उन्हें इसकी अच्छी कीमत मिल सके, क्योंकि इसके पालन-पोषण में बहुत सारी उनकी बचत लगी है.

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