लखनऊ:तीनों कृषि कानून (three agricultural laws) के विरोध में किसानों ने सोमवार को भारत बंद (Bharat Bandh) का एलान किया था. इसका असर उत्तर प्रदेश के कई जिलों में देखने को मिल रहा है. बिजनौर, गोरखपुर, मथुरा समेत प्रदेश के कई जिलों में किसानों के प्रदर्शन का असर देखने को मिल रहा है. डालिए एक नजर...
मथुरा में किसानों का प्रदर्शन
किसान आंदोलन को लेकर विभिन्न संगठनों द्वारा भारत बंद के आह्वान पर सोमवार को शहर से लेकर देहात में मिलाजुला असर देखने को मिला. शहर के हृदय स्थल होली गेट पर बंद का असर देखा गया, तो वहीं यमुना एक्सप्रेस-वे पर भी किसानों ने केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और तीनों काले कानून को वापस लेने की मांग की गई. जनपद के यमुना एक्सप्रेस-वे और शहर के सभी चौराहों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.
भारतीय किसान यूनियन प्रदेश उपाध्यक्ष बुद्धा सिंह प्रधान ने बताया कि भारत बंद का असर जनपद में देखा जा रहा है. पिछले कई महीनों से किसान गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठा हुआ है, लेकिन केंद्र सरकार काले कानून को वापस नहीं ले रही है. सरकार हिटलर शाही नीति से किसानों को बर्बाद करने में तुली हुई है. तीनों काले कानून किसान के हित में नहीं हैं. इसलिए कानून वापस लेना चाहिए.
बिजनौर में किसानों का चक्का जाम
तीनों कृषि कानून के विरोध में सोमवार को किसानों ने बिजनौर के अलग-अलग जगहों पर चक्का जाम कर प्रदर्शन किया. करीब जिले के 50 जगहों पर किसानों का चक्का जाम देखने को मिला. प्रदर्शन कर रहे किसानों का साफ तौर से कहना है कि अगर केंद्र सरकार जल्द ही कृषि कानूनों को वापस नहीं लेते है तो किसान इसी तरीके से प्रदर्शन करते रहेंगे और आगामी विधानसभा चुनाव में इस प्रदर्शन का असर दिखेगा.
किसानों का प्रदर्शन लगातार गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहा है. वहीं आज भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत के आह्वान पर पूरे भारत बंद का एलान किया गया है. एलान के बाद भी शहर की कुछ दुकानें खुली हुई हैं, तो कुछ बंद दिखीं.
अलीगढ़ में आंदोलनरत किसानों ने यमुना एक्सप्रेस-वे किया जाम
अलीगढ़ में तीनों कृषि कानून के विरोध में सोमवार को किसान गुटों द्वारा भारत बंद का आह्वान करने के बाद रोड पर किसानों का प्रदर्शन देखने को मिला. अलीगढ़ की तहसील गभाना, अतरौली, खैर व इगलास के किसान रोड पर उतरकर जाम और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं, पुलिस प्रशासनिक अमला हर तरफ अलर्ट नजर आ रहा है. प्रदर्शन के दौरान किसान जमकर सरकार के विरोध में नारेबाजी भी कर रहे हैं. तहसील का गभाना क्षेत्र में प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसान यूनियन अम्बाबत गुट के जिलाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने बताया कि आज संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले करीब 40 किसान गुटों ने भारत बंद का एलान किया है. उसी कड़ी में यह प्रदर्शन किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन ने किसानों को एक जगह पर रोक कर बंधक बना रखा है और आगे कहीं भी जाने नहीं दे रही है. किसानों की मांग है कि स्वामी नाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया जाए. किसान आयोग का गठन किया जाए व अन्य मांगें किसानों की पूर्ण की जाएं. वहीं आंदोलनरत किसान यमुना एक्सप्रेस-वे को जोड़ने वाले टप्पल-पलवल रोड पर बैठे गए हैं और मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं. धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों ने नोएडा को जाने वाली रोड को जाम कर दिया है. किसान यमुना एक्सप्रेस-वे इंटरचेंज के अंडर पास में धरने पर बैठे गए हैं. किसान तीनों कृषि कानून की वापसी की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.
मेरठ में 15 जगहों पर चक्का जाम, टोल प्लाजा पर किसानों का कब्जा
तीनों कृषि कानून के खिलाफ मेरठ में भी किसान यूनियन व अन्य किसान संघठनों का प्रदर्शन जारी है. मेरठ जिले से गुजरने वाले NH-58 सिवाया टोल प्लाजा पर भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने ठीक 10 बजते ही जाम लगा दिया. आवाजाही को पूरी तरह से बंद कर दिया गया.
भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता आवश्यक उपयोग से जुड़े वाहनों व एम्बुलेंसों को तत्काल रास्ता देकर टोल से निकालते देखे गए. मीडिया से बात करते हुए किसान यूनियन के नेताओं ने कहा कि सरकार को दस माह से कृषि कानूनों का विरोध नहीं दिख रहा है. सरकार किसानों की कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर गौर नहीं कर रही है, तो किसान भी सरकार को चेता रहे हैं कि वो पीछे हटने वाले नहीं हैं.