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शिक्षा विभाग के अधिकारियों को मदरसा निरीक्षण का अधिकार नहीं, मदरसा बोर्ड के चेयरमैन ने उठाए सवाल - अधिनियम के विपरीत

उत्तर प्रदेश में यूपी मदरसा बोर्ड से गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे पूरा कर लिया गया है. सरकार के आदेश पर गठित टीम ने इसका काम संपन्न कर अपने जिले की रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी है. सभी जिलाधिकारियों को 15 नवंबर तक यह रिपोर्ट शासन को उपलब्ध करानी है. इस बीच शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा अमेठी जिले में एक मदरसे का निरीक्षण और नोटिस जारी करने का मामला सामने आया है. यूपी मदरसा बोर्ड को मिली इस सूचना के आधार पर चेयरमैन डाॅक्टर इफ्तिखार अहमद जावेद ने इसे नियम विरुद्ध बताया है.

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Published : Nov 4, 2022, 9:59 AM IST

Updated : Nov 4, 2022, 10:27 AM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में यूपी मदरसा बोर्ड से गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे पूरा कर लिया गया है. सरकार के आदेश पर गठित टीम ने इसका काम संपन्न कर अपने जिले की रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी है. सभी जिलाधिकारियों को 15 नवंबर तक यह रिपोर्ट शासन को उपलब्ध करानी है. इस बीच शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा अमेठी जिले में एक मदरसे का निरीक्षण और नोटिस जारी करने का मामला सामने आया है. यूपी मदरसा बोर्ड को मिली इस सूचना के आधार पर चेयरमैन डाॅक्टर इफ्तिखार अहमद जावेद ने इसे नियम विरुद्ध बताया है.

उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने गुरुवार को मीडिया में बयान जारी करते हुए कहा कि वर्ष 1995 में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के गठन के बाद शिक्षा विभाग में व्यावहरित हो रहे मदरसों का समस्त कार्य अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को हस्तानान्तरित कर दिया गया. इसके बाद उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद अधिनियम 2004 प्रतिस्थापित किया गया. इसके माध्यम से उत्तर प्रदेश अशासकीय अरबी और फारसी मदरसा मान्यता, प्रशासन और सेवा विनियमावली 2016 बनाई गई. जिसके बाद से जिला मदरसा शिक्षा अधिकारी का तात्पर्य जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी से हो गया.

जानकारी देते डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद.



यूपी मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉक्टर इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा कि उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद अधिनियम 2004/विनियमवाली 2016 में दिए व्यवस्था के तहत अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अलावा किसी भी विभाग के अधिकारी द्वारा ना तो निरीक्षण किया जाएगा और ना ही किसी प्रकार की नोटिस दी जाएगी. डॉ. जावेद ने कहा कि अक्सर संज्ञान में आता है कि नियमों से हट कर शिक्षा विभाग के अधिकारी जो सक्षम प्राधिकारी ना होने के बावजूद उनके द्वारा जनपद में संचालित मदरसों का निरीक्षण किया जाता है और नोटिस भी दी जाती है जो अधिनियम के विपरीत है.

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Last Updated : Nov 4, 2022, 10:27 AM IST

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