लखनऊ : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा संस्कृत परिषद जल्दी ही उत्तर प्रदेश के 15 जिलों में आवासीय संस्कृत विद्यालयों की शुरुआत करेगा. इसके अलावा परिषद अपने यहां पर पुरोहित (कर्मकांड), वास्तु शास्त्र व्यावहारिक ज्योतिष और योग विज्ञान में एक वर्षीय डिप्लोमा की शुरुआत करेगा. यह घोषणा माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने बुधवार को की. उन्होंने बताया कि संस्कृत परिषद की ओर से इन डिप्लोमा कोर्स का संचालन मान्यता प्राप्त विद्यालय में सेल्फ फाइनेंस मोड में किया जाएगा. एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स में छात्रों को 2 सेमेस्टर की परीक्षा देनी होगी. इसके बाद उन्हें इंटरशिप के माध्यम से व्यावहारिक ज्ञान दिलाया जाएगा. इन डिप्लोमा कोर्स में उत्तर मध्यमा यानी 12वीं या उसके समकक्ष परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को ही प्रवेश पाने का मौका मिलेगा. इसके अलावा उच्च शिक्षा प्राप्त अभ्यर्थी भी इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले सकते हैं.
माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी के मुताबिक संस्कृत विद्यालयों में डिप्लोमा पाठ्यक्रम के संचालन की व्यवस्था विद्यालय प्रबंध समिति को ही अपने निजी सोच से करनी होगी. इसके तहत इन विषयों को पढ़ाने के लिए अध्यापकों की व्यवस्था इंफ्रास्ट्रक्चर आदि सब कुछ प्रबंध समिति को ही जुटाना होगा. परीक्षा प्रणाली में व्यापक बदलाव भी किया गया है. आगामी संस्कृत बोर्ड की परीक्षाएं यूपी बोर्ड की परीक्षाओं के तर्ज पर आयोजित की जाएंगी. सभी परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी के निगरानी में परीक्षाएं होंगी.