लखनऊ :यूपी में हुए 75 करोड़ की छात्रवृत्ति घोटाले में जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाइजिया ग्रुप के संचालकों व कर्मचारी के खिलाफ आरोप-पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया है. एजेंसी ने घोटाले के आरोप में हाइजिया ग्रुप के संचालकों इजहार हुसैन जाफरी उर्फ हनी जाफरी, अली अब्बास जाफरी व कर्मचारी रवि प्रकाश गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. एजेंसी को इन आरोपियों के खिलाफ कई ठोस सबूत मिले थे, जिसके आधार पर अब उन पर आरोप तय कर चार्जशीट दाखिल कर दी गई है.
किन-किन पर दर्ज हुई थी FIR :दरअसल, गरीब, विकलांग, अल्पसंख्यकों और दलित छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति का गबन करने के आरोप में बीते दिनों हजरतगंज कोतवाली में एसएस इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट मामपुर के चेयरमैन प्रवीण चौहान, एजुकेशन सोसाइटी एंड हाइजिया के वाइस प्रेसीडेंट इजहार हुसैन जाफरी, इसी ग्रुप में अली अब्बास जाफरी, सईद इशरत हुसैन जाफरी, हाइजिया कॉलेज ऑफ फार्मेसी के रवि प्रकाश गुप्ता व ग्रुप से जुड़े अन्य अधिकारी-कर्मचारी, लखनऊ इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड एजुकेशन के संचालक, डॉ. ओमप्रकाश ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन फर्रुखाबाद के चेयरमैन गुप्ता, डॉ. भीमराव अंबेडकर फाउंडेशन एंड जीविका कॉलेज ऑफ फार्मेसी हरदोई के सेक्रेटरी रामगोपाल, आरपीपी इंटर कॉलेज हरदोई की प्रबंधक पूनम वर्मा, ज्ञानवती इंटर कॉलेज हरदोई विवेक कुमार पटेल, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गौसगंज कछौना हरदोई के विवेक कुमार जगदीश प्रसाद वर्मा, फिनो पेमेंट बैंक के एरिया मैनेजर सचिन दुबे, एजेंट मो. साहिल अजीज, अमित कुमार मौर्य, तनवीर अहमद और जितेंद्र सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी.
हाइजिया ग्रुप के संचालक निकले मास्टरमाइंड :एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस की जांच के अलावा ईडी भी इसमें शामिल हो गई थी. सूत्रों के मुताबिक, ईडी की जांच में सामने आया था कि, छात्रवृत्ति के पैसों से बेनामी संपत्तियां खरीदी गई हैं. जांच के दौरान ईडी को पता चला कि छात्रवृत्ति घोटाले में हाइजिया ग्रुप के संचालक ही मास्टरमाइंड थे. हाइजिया के संचालकों ने ही तय किया था कि, छात्रों का दाखिला कैसे दिखाना है, फर्जी बैंक खाते कैसे खुलना है और फिर उसमें डाली गई छात्रवृत्ति की रकम कैसे निकालनी है. इसकी पूरी साजिश हाइजिया ग्रुप के संचालकों ने ही रची थी.
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