लखनऊ :मंगलवार की दोपहर करीब 2:53 पर राजधानी लखनऊ सहित एनसीआर के कई बड़े हिस्से में भूकंप के झटके महसूस किए गए. एक मिनट के अंतराल में ही लगातार दो बार धरती हिलने से राजधानी लखनऊ सहित आसपास जिलों के लोगो मे दहशत फैल गई. भूकंप के झटके महसूस होने के बाद लोग अपने मकान कार्यालय व सरकारी बिल्डिंगों से निकलकर बाहर सड़क पर आकर खड़े हो गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.59 रिक्टर स्केल मापी गई.
विशेषज्ञों का कहना है कि यह भूकंप कम गहराई में था. अगर यह कुछ और देर रहता तो इसका असर काफी घातक हो सकता था. विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के भूकंप को सेलो फोकस भूकंप कहते हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय के भू विज्ञान विभाग के प्रोफेसर अजय आर्य ने बताया कि यह भूकंप मेन सेंट्रल थ्रस्ट के ऊपर आया है, क्योंकि यह पूर्णत: कठोर पत्थरों पर स्थित है, जिसकी वजह से यह झटके जितने तेज होते नहीं है, उससे अधिक तेजी से सतह पर महसूस किए गए हैं. प्रोफेसर आर्य ने बताया कि अगर इसका ड्यूरेशन करीब 30 सेकंड से 1 मिनट के बीच होता तो यह भारी तबाही ला सकता था.
बीते एक सप्ताह से दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में भूकंप के झटके आ रहे हैं. प्रोफेसर आर्य ने बताया कि बीते 27 सितंबर से दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं. जिनकी तीव्रता 2 से लेकर 5.5 रेक्टर स्केल से अधिक की है. उदाहरण के लिए नेपाल, जापान, पापुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया, चिल्ली, तजाकिस्तान और अमेरिका में बीते एक सप्ताह में भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि बीते एक सप्ताह में जिन-जिन देशों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं वह एक बड़े मेजर का लाइन पर स्थित है, जिसके कारण लगातार भूकंप इन जगहों पर महसूस हो रहा है. प्रोफेसर आर्य ने बताया कि अगले 48 घंटे तक इन सभी क्षेत्र के लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है. क्योंकि आफ्टर शॉक वेव इसके बाद भी महसूस किए जा सकते हैं.
भूकंप आने पर तुरंत यह उपाय कर बचाई जा सकती है जान
भूकंप जैसे प्राकृतिक आपदा आने पर आमतौर पर लोगों को एकदम से समझ में नहीं आता कि वह बचाव के लिए क्या करें. ऐसे में कई बार आसपास सुरक्षित जगह व सुरक्षा के उपाय होने के बाद भी लोग इस प्राकृतिक आपदा की चपेट में आकर अपनी जान गंवा देते हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय के भू विज्ञान विभाग के प्रोफेसर अजय आर्य का कहना है कि 'भूकंप की खबर लगते ही लोगों में अफरा तफरी का माहौल हो जाता है. ऐसे में बचाव के लिए उन्हें कुछ भी समझ में नहीं आता है. ऐसे समय में कुछ बातों का ख्याल रखकर आप इस बड़ी आपदा से खुद को कुछ हद तक सुरक्षित रह सकते हैं.'
- भूकंप आने पर मकान दफ्तर या किसी इमारत में अगर आप मौजूद हैं तो वहां से बाहर निकाल कर खुले में आने की कोशिश करें.
- भूकंप के समय बिल्डिंग से निकल कर खुले मैदान की तरफ भागें.
- भूकंप के समय अगर आप किसी बिल्डिंग के आसपास हों तो वहां से तुरंत हटकर किसी खाली जगह की तरफ जाएं.
- अगर आप भूकंप के समय किसी बिल्डिंग में हैं या लिफ्ट में हों तो लिफ्ट का इस्तेमाल कतई ना करें. ऐसी स्थितियों में आप केवल सीडीओ से ही बाहर निकालने की कोशिश करें.
- घर के दरवाजे और खिड़की को खुला रखें, बिजली का स्विच ऑफ कर दें.
- अगर आप किसी बड़ी और ऊंची बिल्डिंग में रहते हैं और नीचे उतरना मुश्किल या नामुमकिन हो तो बिल्डिंग में मौजूद किसी जगह पर बैठकर नीचे खुद को छुपा लें.
- भूकंप के झटके के दौरान यदि आप बाहर हैं तो तब तक बाहर रहें जब तक आप पूरी तरह से पक्का न हो जाए कि भूकंप के झटके अब नहीं लगेंगे.
भूकंप से बचाव के लिए क्या करें, क्या ना करें
- जिन क्षेत्रों में सबसे अधिक भूकंप आता हो वहां पर रहने वाले लोग अपनी छत तथा नींव में पड़ी दरारों की मरम्मत करा लें, यदि किसी संरचना में कोई कमी का संकेत मिल रहा हो तो विशेषज्ञों की सलाह लें.
- सीलिंग के ऊपरी लाइटिंग (झूमर) को सही से टांगें नहीं तो तेज भूकंप के झटकों में सबसे पहले टूटकर नीचे गिरेगा.
- भवन निर्माण में बीआईएस संहिता का पालन करें.
- घरों में आमतौर पर दीवारों पर लगने वाली भारी चीज जैसे तस्वीर, शीशे आदि को बिस्तर सोफे के पास कतई न लगाएं.
- घरों में गर्म पानी करने के लिए लगे हीटर, एलपीजी सिलेंडर आदि को दीवार के साथ अच्छे से कसाव कर बंधवाए अथवा फर्श पर बोल्ट से कसवाकर उन्हें सुरक्षित बनवाएं.
- भूकंप आने पर खुले क्षेत्र में बिल्डिंग, पेड़ों, टेलीफोन, बिजली की लाइनों से दूर रहें.
आपातकालीन हालात के लिए किट हमेशा तैयार
- किसी भी प्राकृतिक आपदा के समय घर में आपातकालीन किट को हमेशा तैयार रखें.
- आपातकाल में खाने के लिए ड्राई फूड आइटम, मोमबत्तियां तथा माचिस.
- क्लोरीन की गोलियां तथा पाउडर युक्त वॉटर प्यूरीफायर.
- अनिवार्य दवाइयां.
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