लखनऊ:यूपी के बहराइच में शनिवार अल सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.2 थी. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप का केंद्र राजधानी लखनऊ से 139 किलोमीटर दूर था. भूकंप की गहराई जमीन से 82 किमी नीचे थी. भूकंप में अभी तक किसी भी तरह के जानमाल का नुकसान होने की खबर नहीं है.
प्रदेश के कई जिलों में शुक्रवार रात करीब 1:30 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप के झटके लखनऊ, सीतापुर और बहराइच सहित कई जिलों में महसूस किए गए. उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में आए भूकंप की तीव्रता 4.9 रही. नेशनल सेंटर फॉर साइमोलॉजी (भूकंप विज्ञान) ने रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.2 मापी है. भूकंप की तीव्रता 5.2 से किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ. हालांकि रात के समय जन्माष्टमी मना रहे लोग भूकंप के झटकों से थोड़ी देर के लिए सहम गए थे. प्रदेश में इससे पहले बीते 6 जनवरी की रात 11:59 बजे भूकंप आया था. इसमें अयोध्या, लखनऊ, गोरखपुर समेत यूपी के कई शहरों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.3 मापी गई थी.
लखनऊ विश्वविद्यालय के जूलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. विभूति राय ने बताया की बीती रात तकरीबन 1 बजकर 30 मिनट के आसपास प्रदेश के कई जिलों में भूकंप आया. भूकंप की तीव्रता 5.2 से किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ. भूकंप का लेबल ज्यादा हाई नहीं था. ऐसी कोई जनहानि नहीं हुई. बहुत सारे लोगों को इसके बारे में पता भी नहीं चला.
भूकंप या भूचाल पृथ्वी की सतह के हिलने को कहते हैं. यह पृथ्वी के स्थलमण्डल (लिथोस्फीयर) में ऊर्जा के अचानक मुक्त हो जाने के कारण उत्पन्न होने वाली भूकंपीय तरंगों की वजह से होता है. भूकंप बहुत हिंसात्मक हो सकते हैं और कुछ ही क्षणों में लोगों को गिराकर चोट पहुंचाने से लेकर पूरे नगर को ध्वस्त कर सकने की इसमें क्षमता होती है.
जानकारी देते विभागाध्यक्ष प्रो विभूति राय.
भूकंप आने पर करें ये काम
- घर से बाहर निकलकर खुले में आने की कोशिश करें. ऐसे जगह जाइए जहां आसपास कोई बड़ी इमारत या पेड़ न हो.
- अपने सिर और गर्दन को तकिए या हाथ से बचाने की कोशिश करें.
- लिफ्ट का उपयोग न करें, क्योंकि अचानक बिजली जाने से आप फंस सकते है.
- अगर आप भूकंप के दौरान गाड़ी चला रहे हो तो पुल पार करने की कोशिश न करें .
- घर में किसी बड़े फर्नीचर और खिड़की के नजदीक न रहें.
- हमेशा मीडिया के संर्पक में रहे, इससे आप भूकंप संबधी जानकारी से अपडेट रहेंगे.
भूकंप के झटके से गिरी दिवार, रात भर सहमे रहे लोग
बहराइच में बीती रात 1 बजकर 13 मिनट पर आए हल्के भूकंप के झटके से सभी लोग सकते में आ गए है. देर रात लोगो में बेचैनी देखने को मिली. गौरतलब है कि जन्माष्टमी होने के कारण लोग देर रात तक जाग रहे थे. नानपारा के रहने वाले रोहित श्रीवास्तव बताते हैं कि जन्माष्टमी का प्रोग्राम खत्म होने के बाद जब वो सोने चले गए, तभी उनका बेड हिलता हुआ मालूम हुआ. उसी वक्त परिजनों को बाहर लेकर रोहित भागे और करीब 2 घंटे तक जागते रहे.
नवाबगंज कस्बे के सुमित ने बताया कि जैसे ही भूकंप का झटका महसूस हुआ. वह घर से बाहर आ गए और लोगों को सतर्क रहने की जानकारी दी. वहीं नवाबगंज थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत चौगोंई बिलासपुर के मजरा बिलासपुर में सालिक राम गौतम की भूकंप के झटके के दौरान ईंट की दीवार गिर गई. सालिक राम गौतम ने बताया कि वह उसी मकान में सो रहा थे, जैसे ही दिवार गिरी वह घर से बाहर आ गए, लेकिन दिवार घर के अंदर के बजाय बाहरी हिस्से में गिरी. गौरतलब है कि कोई नुकसान नहीं हुआ. हालांकि क्षेत्रीय लेखपाल लल्लू राम यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें भूकंप आने व दिवार गिरने की कोई जानकारी नहीं है.
प्रदेश के यह जिले हैं हाईरिस्क पर
सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बागपत, बिजनौर, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, रामपुर, मुरादाबाद, बुलंदशहर, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, कुशीनगर, पीलीभीत, सहारनपुर, लखीमपुर खीरी, बदायूं, बहराइच, गोंडा, मथुरा, अलीगढ़, बरेली, बस्ती, संतकबीरनगर, देवरिया और बलिया जिला भूकंप के हाईरिस्क में रहते हैं. यानी यहां सबसे ज्यादा खतरा है. वहीं सोनभद्र, चंदौली, गाजीपुर, वाराणसी, जौनपुर, आजमगढ़, गोरखपुर, सुल्तानपुर, रायबरेली, अयोध्या, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, सीतापुर, हरदोई, कन्नौज, मैनपुरी, फिरोजाबाद, एटा, फर्रुखाबाद, मिर्जापुर। यह जोन-3 में हैं. इसके अलावा ललितपुर, झांसी, महोबा, बांदा, कौशांबी, प्रयागराज के अलावा आगरा, इटावा, औरैया, फतेहपुर, प्रतापगढ़ भूकंप के जोन-2 में है.
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