लखनऊ :नए साल का आगाज दो दिनों में हो जाएगा. नए साल के जश्न को लेकर देशभर की ही तरह उत्तर प्रदेश के भी अलग अलग शहरों में न्यू ईयर पार्टी की तैयारियां जोरों पर है. इन्हीं पार्टी में कैटरीना, नोरा, चमेली और पापड़ी की भी डिमांड बढ़ने वाली है. जिन पर यूपी एसटीएफ और एएनटीएफ ने अपनी नजर गड़ा दी है. हालांकि यदि आप ये सोच रहे है कि ऊपर दिए गए सभी नाम किसी एक्ट्रेस या फिर लड़की का नाम हैं तो आप गलत हैं. दरअसल ये सभी कोड वर्ड हैं, जो पार्टियों में अलग अलग ड्रग्स के लिए इस्तेमाल होते हैं.
यूपी एसटीएफ ने बीते दिनों आगरा और लखनऊ से सोशल मीडिया के माध्यम से ड्रग्स की सप्लाई करने वाले कई युवा लड़के-लड़कियों को गिरफ्तार किया था. इनसे हुई पूछताछ पर हैरान करने वाला खुलासा हुआ है. मुंबई जैसे महानगरों की तर्ज पर प्रदेश के बड़े शहरों में ड्रग्स सप्लाई करने वाले डीलर और उन्हें खरीदने वाले खरीदार कोड वर्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं. इन कोड वर्ड को ड्रग्स की खासियत के हिसाब से सेट किया जाता है. जिससे खरीदने वाला समझ जाता है और पुलिस या फिर अन्य जांच एजेंसी इसे समझ नहीं पाती है.
ANTF के सामने चुनौती हैं कोड वर्ड : एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के डीआईजी अब्दुल हमीद बताते हैं कि नशे के सौदागरों के खात्मे के लिए उनकी एजेंसी, लोकल पुलिस और एसटीएफ के साथ मिलकर कार्य कर रही है. हालांकि अब इसमें उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती पार्टियों में होने वाली ड्रग्स की सप्लाई है. खासकर इनके बेचने के तरीकों को ट्रेस करने में हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि कुछ गिरफ्तारियों के होने के बाद कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं. ऐसे में अब हमारी टीम सतर्क हो गई है.