Drug dealer arrest : STF के शिकंजे में नशीली दवाओं के तीन अंतरराष्ट्रीय सौदागर
यूपी एसटीएफ ने नशीली दवाओं के अंतरराष्ट्रीय सौदागरों (Drug dealer arrest) के गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ ने आरोपियों के पास से काफी मात्रा में नशीली दवाएं और अन्य सामान बरामद किया है.
लखनऊ : यूपी एसटीएफ ने नशीली दवाओं के अंतरराष्ट्रीय सौदागरों के गैंग का पर्दाफाश किया है. इसमें तीन लोग गिरफ्तार किए गए हैं. यह गैंग खरीदार की डिमांड के हिसाब से लखनऊ और आसपास के जिलों में मौजूद तस्करों से प्रतिबंधित नशीली दवाओं की खरीद करता था. इसके बाद डार्क वेब के माध्यम से डील करता था और बिटकॉइन में पेमेंट लेता था. एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि एसटीएफ को प्रतिबंधित नशीली दवाओं के अंतरराष्ट्रीय सौदागरों के बारे में सूचना मिली थी. इस पर जाल बिछाया गया और लखनऊ के कैंट इलाके से निलमथा, कैंट निवासी यासिर जमील, सआदतगंज के हमजा और इनामुलहक को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों से पूछताछ के दौरान पता चला है कि यह गैंग खरीदारों का नंबर लेकर डार्क वेब के जरिए नशीली दवाएं बेचते थे. प्रतिबंधित नशीली दवाएं लखनऊ और आसपास के जिलों के तस्करों से खरीदी जाती थीं. इसके बाद इन्हें कोरियर से भेजा जाता था और बिटकॉइन में पेमेंट लिया जाता था.
30 रुपये की दवा USA में 700 में बिकती है : पूछताछ में मास्टरमाइंड यासिर ने बताया कि नशीली दवाओं का एक पत्ता भारत में 30-40 रुपये में मिल जाता है, जिसमें 10 गोलियां होती हैं. इन्हें युनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका (USA) में बेचने पर प्रति पत्ते का 600 से 700 रुपय मिलता था. यह गैग सिपमैक्स कोरियर कम्पनी के माध्यम से दवाएं यूएसए भेजता था. इस गैंग ने युनाइटेड स्टेट आफ अमेरिका में लगभग 150 बार से अधिक दवाओं की तस्करी की है. यासिर ने बताया कि दवाओं के पत्तों पर कूटरचित प्लास्टिक का रैपर लगवाता हूं जिस पर Herbal Villa Immunity Booster Unique MiÛture of 14 Herbs & Ayurvedic Medicines, ENHANCES BODY Immunity General Tonic अंकित रहता है. यह रैपर वह खुद ही तैयार कराता है. उसने बताया कि हम लोग हर्बल प्रोडेक्ट के कूटरचित रैपर इस लिए लगाते हैं कि हर्बल दवाओं का कोई लाइसेंस नहीं होता है.
डार्क वेब से ढूंढते थे कस्टमर : वहीं अन्य आरोपी हमजा व इमामुल-हक उर्फ इनाम ने बताया कि हम लोग अवैध प्रतिबन्धित नशीली दवाओं ट्रामाडोल व लाइपिन-10 की ब्रोकरी का काम करते हैं. हम लोग डार्क वेब से खरीदार ढूंढते हैं. इसके बाद रेट तय हो जाने पर उनका पता नोट कर लेते हैं. इसके बाद उस पते व डिमाण्ड को यासिर को व्हाटसएप के माध्यम से भेज देते थे. यासिर उस कस्टमर को सप्लाई करके हमें उस कोरियर का ट्रेकिंग आईडी भेज देता है. हम लोग पेमेन्ट गेटवे, बिट क्वाइन व हवाला के माध्यम से पेमेन्ट प्राप्त करने के बाद डेटा को डिलीट कर देते थे.
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