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Published : Nov 23, 2020, 2:35 PM IST

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1,705 गांव में पूरा हुआ ड्रोन सर्वे, घर पर मिलेगा मालिकाना हक

ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित आबादी की जमीन के दस्तावेज राजस्व अभिलेखों में नहीं होते हैं. इन क्षेत्रों में लोगों को स्वामित्व का अधिकार देने और दस्तावेज तैयार करने के लिए स्वामित्व योजना शुरू की है. इस योजना के तहत प्रदेश में काम किया जा रहा है. ड्रोन कैमरे के जरिए प्रदेश के जिलों के विभिन्न गांवों में सर्वे कराए जा रहे हैं.

राजस्व परिषद.
राजस्व परिषद.

लखनऊ: ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी (जहां पर लोगों के घर बने होते हैं) की जमीन का सर्वे कराकर राजस्व दस्तावेज तैयार करने के लिए उत्तर प्रदेश में स्वामित्व योजना चलाई जा रही है. स्वामित्व योजना के पायलट प्रोजेक्ट के तहत उत्तर प्रदेश के 1705 गांव में ड्रोन कैमरे से सर्वे पूरा करा लिया गया है. 485 गांव में नक्शे तैयार कर लिए गए हैं.


82,913 गांव के सर्वे के लिए जारी की गई अधिसूचना

यूपी में स्वामित्व योजना के पायलट प्रोजेक्ट के तहत 82,913 गांव में स्वामित्व योजना के तहत आबादी क्षेत्र के राजस्व दस्तावेज तैयार करने के लिए अधिसूचना जारी की गई है. इनमें से 20,674 गांव के संदर्भ में आंकड़े एकत्रित कर लिए गए हैं.

पायलट प्रोजेक्ट के तहत पूरा हुआ ड्रोन सर्वे.
ड्रोन कैमरे से कराया जा रहा सर्वे

ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित आबादी की जमीन के दस्तावेज राजस्व अभिलेखों में नहीं होते हैं. इन क्षेत्रों में लोगों को स्वामित्व का अधिकार देने और दस्तावेज तैयार करने के लिए स्वामित्व योजना शुरू की है. इस योजना के तहत प्रदेश में काम किया जा रहा है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत अब तक 485 गांव के नक्शे तैयार कर लिए गए हैं. ड्रोन कैमरे के जरिए प्रदेश के जिलों के विभिन्न गांवों में सर्वे कराए जा रहे हैं. ड्रोन कैमरे से खींची गई फोटो की मदद से उसका नक्शा तैयार किया जा रहा है. नक्शा तैयार होने के बाद राजस्व के अधिकारी नक्शे की मदद से आबादी की जमीन के दस्तावेज तैयार कर रहे हैं. इससे आबादी की जमीन में स्थित संपत्ति के रजिस्टर्ड दस्तावेज (घरौनी) ग्राम वासियों को उपलब्ध कराए जाएंगे.

विवादों का आसानी से हो सकेगा निपटारा

चेयरमैन राजस्व परिषद दीपक त्रिवेदी ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्वामित्व योजना पर काम चल रहा है. इस प्रोजेक्ट के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी की जमीन पर कब्जे को लेकर होने वाले विवाद का आसानी से निपटारा हो सकेगा. वर्तमान स्थिति में गांव में स्थित आबादी की जमीन के दस्तावेज राजस्व के पास नहीं होते हैं. ऐसे में अधिकारी ग्रामीणों के विवाद का निपटारा करने में सक्षम नहीं होते हैं. वहीं अब जब आबादी की जमीन के संदर्भ में रजिस्टर्ड दस्तावेज उपलब्ध होंगे, तो अधिकारियों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन को लेकर होने वाले विवाद के निपटारे में आसानी होगी.

ग्राम वासियों को आसानी से मिल सकेगा लोन

स्वामित्व योजना के तहत आबादी के क्षेत्र में बने हुए घर के रजिस्टर्ड दस्तावेज मालिक को उपलब्ध कराए जाएंगे. ऐसे में जहां ग्राम वासियों को अपने घर की रजिस्ट्री मिल सकेगी. वहीं दूसरी ओर इस रजिस्ट्री के आधार पर ग्रामवासी बैंक से लोन भी ले सकेंगे.

स्वामित्व योजना के तहत प्रदेश के तमाम जिलों में कार्य किया जा रहा है. अभी 21 ड्रोन की मदद से ग्रामीण क्षेत्रों के नक्शे तैयार किए जा रहे हैं. आने वाले दिनों में कुछ और ड्रोन की मदद से काम में तेजी लाई जाएगी. नक्शा बनने के बाद गांव के लोगों से अनुमति ली जाती है, जिसके बाद आवश्यक संशोधन कर ग्रामीणों को दस्तावेज उपलब्ध कराए जाते हैं. दस्तावेज मिलने से ग्रामीण अपनी जमीन पर स्वामित्व का अधिकार पाएंगे. वहीं इन दस्तावेजों की मदद से वह बैंक से लोन भी ले सकेंगे.

दीपक त्रिवेदी, चेयरमैन, राजस्व परिषद

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