लखनऊ: डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) उत्तर प्रदेश की ग्रामीण क्षेत्रों में रह रही महिलाओं को ड्रोन टेक्नोलॉजी (Drone based agriculture training to women by AKTU) के बारे में जानकारी देगा. जिस तरह से पंजाब के ग्रामीण इलाकों में महिलाएं ड्रोन टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके अपनी खेती को आधुनिक तरीके से करने के साथ ही उपज को कीटनाशकों से बचने के लिए इसका प्रयोग रही हैं. ठीक उसी तरह से उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में भी महिलाएं अपनी कृषि उपज पर कीटनाशकों के छिड़काव करने के लिए इसी ड्रोन तकनीक का उपयोग करती नजर आएंगी. प्राविधिक विश्वविद्यालय अपने सभी 750 सम्बद्ध इंजीनियरिंग संस्थानों के सहयोग प्रदेश के सभी 75 जिलों के ग्रामीण महिलाओं को दो टेक्नोलॉजी के बारे में ट्रेनिंग देने की तैयारी कर रहा है.
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के गांव में प्रौद्योगिकी को ले जाने और महिलाओं को कृषि क्षेत्र में ड्रोन के संचालन और उपयोग के बारे में प्रशिक्षण देकर उन्हें शासक बनने की योजना पर काम कर रहा है. विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर जेपी पांडेय ने बताया कि कृषि उपयोग के लिए ड्रोन काफी किफायती किराए पर आज मार्केट में उपलब्ध है. ड्रोन संचालित करने के लिए जनशक्ति तैयार करना समय की मांग है, इसलिए एकेटीयू ग्रामीण महिला आबादी को इसका प्रशिक्षण देगा.
यह किसी कार्य में उन्हें सशक्त बनाने के साथ ही साथ उनकी सहायता भी करेगा. कुलपति ने बताया कि ड्रोन चलाने के लिए हाई स्कूल पास होना जरूरी है. एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विश्वविद्यालय ने हाईस्कूल पास महिलाओं को कृषि उद्देश्यों के लिए ड्रोन उड़ने का प्रशिक्षण देने की योजना बनाई है. उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए 15 दोनों का प्रशिक्षण कार्यक्रम काफी होगा. इसके लिए विश्वविद्यालय के ड्रोन प्रौद्योगिकी के विशेषज्ञ डॉक्टर अनुज शर्मा और उनकी टीम में या योजना तैयार किया है.