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उपनगरीय बस सेवा संचालन को लेकर हड़ताल पर बैठे ड्राइवर और कंडक्टर, बस अड्डे से मायूस होकर लौट रहे यात्री - regional suburban bus service

लखनऊ रीजन में रोडवेज कर्मचारियों ने क्षेत्रीय प्रबंधक की मनमानी से परेशान अवध डिपो से एसी बसों का संचालन ठप कर दिया. इससे बस स्टेशन पर एसी बस का इंतजार कर रहे यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि जब डिपो में नई बसें नहीं ली जाएंगी और पुरानी बसें ऑक्शन में चली जाएंगी तो धीरे-धीरे उनके लोग नौकरी से बाहर होते जाएंगे.

रोडवेज कर्मचारी
रोडवेज कर्मचारी

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Published : Apr 14, 2023, 8:01 PM IST

रोडवेज कर्मचारियों ने विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी विरोध प्रदर्शन किया.

लखनऊः लखनऊ रीजन के सभी रोडवेज ड्राइवर और बस कंडक्टर ने अपनी मांगों को लेकर गुरुवार की सुबह से ही बसों का संचालन ठप कर दिया था. कर्मचारियों की हड़ताल से लखनऊ रीजन में कैसरबाग, आलमबाग, अवध, रायबरेली, उपनगरीय और बाराबंकी डिपो के बसों का संचालन प्रभावित हुआ है. कर्मचारी अपने-अपने डिपो के बाहर अधिकारियों के खिलाफ व विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी विरोध प्रदर्शन किया.

वहीं, सभी रीजन के बस कंडक्टर व ड्राइवरों की हड़ताल के कारण सुबह बस पकड़ने के लिए बस स्टेशन पहुंचे यात्रियों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ा. वहीं, जिन बसों का संचालन हो रहा था उस पर भारी भीड़ होने के कारण यात्रियों को परेशानियों भी उठानी पड़ रही है. प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि जब डिपो में नई बसें नहीं ली जाएंगी और पुरानी बसें ऑक्शन में चली जाएंगी तो धीरे-धीरे उनके लोग नौकरी से बाहर होते जाएंगे. ऐसे में उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो जाएगी.

उपनगरीय सेवा के लिए बसें नहीं उपलब्ध कराई जा रही
उपनगरीय डिपो के संविदा चालक व एम्प्लॉई यूनियन के शाखा मंत्री अक्षय श्रीवास्तव ने बताया कि उपनगरीय बसों का बेड़ा दिन पर दिन कम होता जा रहा है. उसका पूरा श्रेय सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक को जाता है, क्योंकि इनके द्वारा कई बार आश्वासन दिया गया है कि 'जो भी गाड़ियां ऑक्शन में जा रही हैं, इनकी जगह पर आपको दूसरी गाड़ियां दी जाएंगी'. लेकिन जो भी शासन द्वारा गाड़ियां दी जा रही हैं, वे उपनगरीय डिपो के नाम से संचालित की जा रही हैं. अक्षय श्रीवास्तव ने बताया कि सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक वार्ता में कहते हैं कि 'उपनगरीय डिपो बंद नहीं होगी और दूसरी तरफ जब बसों का बेड़ा नहीं लेंगे तो उपनगरीय सेवा ऑटोमेटिक बंद हो जाएगी.

एम्प्लॉई यूनियन के शाखा मंत्री अक्षय श्रीवास्तव ने बताया कि 'हमारी 18 गाड़ियां उपनगरीय सेवा में चलती थी. अंडर डिपो से जब उपनगरीय डिपो में गाड़ियां दी जाती हैं तो माना जाता है कि वे गाड़ियां लॉन्ग रोड पर चलने वाली नहीं हैं. उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में चलाया जाता है. कर्मचारियों का आरोप है कि एक समय बाद जब यह गाड़ियां पूरी तरह से कंडम हो जाती हैं तो अधिकारी इसमें कौन सा उपकरण लगा देते हैं कि यही पुरानी गाड़ियां दोबारा से ग्रामीण क्षेत्रों में चलने के लिए सही हो जाती हैं. ऐसे में नई गाड़ियां न लेने से और पुरानी गाड़ियों के ऑक्शन में चले जाने के बाद जो कर्मचारी खाली हो जाते हैं. उन्हें दूसरे जगह पर संबद्ध कर दिया जाता है. ऐसे में एक समय ऐसा आएगा जब सभी संबंध कर्मचारियों की जरूरत नहीं होगी और उन्हें धीरे से काम से बाहर कर दिया जाएगा'.

कर्मचारी संघ का आरोप है कि 'एक तरफ अधिकारी हमारे हितों की रक्षा की बात करते हैं. दूसरी तरफ वह हमारे साथ भेदभाव कर रहे हैं. कर्मचारी संघ ने आरोप लगाया कि हमारे बसों के संचालन को लेकर भी कई तरह की समस्याएं खड़ी की जा रही हैं. एक तरफ प्रशासन हमारी बसों को रोड पर खड़ा नहीं होने देता, दूसरी तरफ बस अड्डों पर भी बसों को खड़ा करने पर पाबंदी लगाई जाती है. एक तरफ अधिकारी कहते हैं कि 20 मिनट के अंदर बसों को रवाना करें चाहे एक ही यात्री क्यों न बैठा हो. वहीं, दूसरी ओवर लोड फैक्टर का हवाला देकर हमारे ऊपर दबाव बनाया जाता है. इन्हीं सब मांगों को लेकर कर्मचारी संघ ने हड़ताल शुरू की है'.

हड़ताल के कारण 1,000 बसों का संचालन बाधित
अपनी मांगों को लेकर सभी रोडवेज ड्राइवर और कंडक्टर हड़ताल शुरू कर देने के कारण लखनऊ रीजन में लगभग 1,000 बसों का संचालन प्रभावित हुआ. हड़ताल के कारण 592 रोडवेज बसें व 512 अनुबंधित बसें समय पर रवाना नहीं हो सकी. ऐसे में विभिन्न बस डिपो पर बसों के संचालन ठप होने से यात्रियों को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा. हड़ताल के कारण यात्री दूसरे वैकल्पिक व्यवस्थाओं का प्रयोग कर अपने गंतव्य के लिए निकले.

पढ़ेंः लखनऊ में अवध डिपो से एसी बसों का संचालन ठप, क्षेत्रीय प्रबंधक पर उत्पीड़न का आरोप

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