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नशे में धुत वाहन चालक बन रहे मुसाफिरों के लिए काल, जानिए ड्रिंक एंड ड्राइव मामलों का हाल - ट्रैफिक पुलिस लखनऊ

ड्रिंक एंड ड्राइव के मामलों में यूपी की ट्रैफिक पुलिस संजीदा नहीं है. दरअसल ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों में ही ड्रिंक एंड ड्राइव के चालान लगभग शून्य हैं.

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Published : Jun 3, 2023, 10:21 AM IST

लखनऊ :30 मई की रात करीब 2 बजे राजधानी के विकासनगर स्थित चौराहे पर एक परिवार को तेज रफ्तार स्कार्पियो ने रौंद दिया. जिसमें चार लोगों की मौत हो गई. स्कार्पियो का ड्राइवर नशे में था. दूसरे दिन राजाजीपुरम में एक बाइक सवार को डाला चालक ने रौंद दिया. डाला चालक भी नशे में था और तेज रफ्तार से गाड़ी चला रहा था. इन मौतों के जितने जिम्मेदार चालक थे, उतनी ही राजधानी की ट्रैफिक पुलिस. क्योंकि ट्रैफिक पुलिस ड्रिंक एंड ड्राइव को गंभीरता से लेती ही नहीं है. लिहाजा रोजाना बिना हेलमेट, सीट बेल्ट और ट्रिपलिंग का चालान करने वाली पुलिस नशे में गाड़ी चलाने वालों की चेकिंग करती ही नहीं है.

ड्रिंक एंड ड्राइव मामल बढ़ने के कारण.

जानिए ड्रिंक एंड ड्राइव के नियम

किसमें कितना एल्कोहल

  • यूपी ट्रैफिक पुलिस ब्रीथलाइजर से ड्रिंक एंड ड्राइव का पता करती है.
  • इतनी शराब पर सेफ है ड्राइवर
  • अगर ड्राइवर के ब्लड में एल्कोहल कंटेंट की मात्रा 100 एमएल में 0.03% होती है.
  • इससे ज्यादा नशा पर खतरा
  • ड्राइवर के ब्लड में 0.03% से ज्यादा एल्कोहल कंटेंट होने पर कानूनी कार्रवाई होती है.
  • रेगुलर बीयर 300 एमएल में 4% एल्कोहल होता है.
  • रेगुलर व्हिस्की 30 एमएल में . 43% एल्कोहल होता है.
  • रेगुलर वाइन 100 एमएल में . 12% एल्कोहल होता है.
  • ड्रिंक एंड ड्राइव केस में फंसे तो होगी ये सजा
  • मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 185 में कार्रवाई होती है.
  • वाहन मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 207 के तहत जब्त होता है.
  • छह महीने की जेल या 2,000 रुपए का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.
ड्रिंक एंड ड्राइव मामल बढ़ने के कारण.

ट्रैफिक पुलिस के बीते कुछ दिनों के आंकड़ों में नजर डालें तो ट्रैफिक पुलिस द्वारा बिना हेलमेट, बिना सीट बेल्ट, ट्रिपलिंग, बिना प्रदूषण सर्टिफिकेट, गलत दिशा पर गाड़ी चलाने और नो पार्किंग के चालान किए जाते हैं. ट्रैफिक पुलिस द्वारा यह भी बताया जाता है कि ने ऑफेंस में भी चालान किए जाते हैं, लेकिन ट्रैफिक पुलिस सड़कों पर नशे में वाहन चलाने की वजह से होने वाले हादसों पर कितना गंभीर है वह इस बात से पता चलता है कि ड्रिंक एंड ड्राइव को लेकर चालान की संख्या उनके आंकड़ों में शामिल नहीं होती है.

ड्रिंक एंड ड्राइव मामल बढ़ने के कारण.
किंग जॉर्ज मेडकिल कॉलेज के ट्रॉमा सेंटर के डॉ. संदीप तिवारी बताते हैं कि रोजाना ट्रामा सेंटर में सड़क हादसों के जितने भी केस पहुंचे हैं. उनमें 40% ड्रिंक एंड ड्राइव के ही होते हैं.ट्रैफिक पुलिस के आंकड़े के अनुसार इस वर्ष जनवरी से अब तक कुल 2 लाख 30 हजार 500 चालान काटे गए हैं. इसमें ड्रिंक एंड ड्राइव के महज 45 ही चालान हुए हैं जो ट्रैफिक पुलिस की गंभीरता दिखाता है. यह भी पढ़ें : Odisha Train Derailment Toll Rises : ओडिशा ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 233 हुई, 900 से अधिक घायल

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