लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. विशेष गुप्ता ने शुक्रवार को वर्चुअल माध्यम से नए जिला प्रोबेशन अधिकारियों के साथ संवाद किया. उन्होंने नवनियुक्त जिला प्रोबेशन अधिकारियों को बाल आयोग किस तरह कार्य करता है, उसके बारें में विस्तार से बताया. नए जिला प्रोबेशन अधिकारियों के साथ आयोग की कार्य प्रणाली और बच्चों को सुरक्षा व संरक्षण प्रदान करने के लिए अधिकारियों की भूमिका के बारे में भी बताया.
जिलाधिकारियों को भेजा पत्र
आयोग के अध्यक्ष डॉ. विशेष गुप्ता ने कोविड-19 की महामारी से प्रभावित या अनाथ हुए बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण के संबंध में जिलाधिकारियों को पत्र भेजा है. उन्होंने पत्र में जिलाधिकारियों से कहा है कि वे जनपद में गठित जिला टास्क फोर्स, जिला प्रोबेशन अधिकारी, जिला बाल संरक्षण अधिकारी, एसजेपीयू, बाल कल्याण समिति, ग्राम बाल संरक्षण समिति, निगरानी समिति के द्वारा अनाथ व एकल बच्चों की सूचना जो इलेक्ट्रानिक मीडिया व प्रेस मीडिया व अन्य समूहों द्वारा सार्वजनिक या अपने तरीके से सार्वजनिक की गई है, को एकत्र कराएं. उसके बाद ऐसे परिवारों की स्थलीय जांच कर उनकी काउंसलिंग व सामाजिक रिपोर्ट एकत्र कराते हुए आयोग को एक सप्ताह में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. इसके साथ ही जिला प्रोबेशन अधिकारी, पुलिस विभाग, बाल कल्याण समिति को अपने स्तर से इलेक्ट्रानिक मीडिया/प्रेस मीडिया के साथ एक उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित करने हेतु निर्देशित करें, जिससे अनाथ हुए बच्चों की पहचान को सार्वजनिक करने व जेजे एक्ट के उल्लंघन को रोका जा सके.