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डॉक्टर शकुंतला मिश्रा यूनिवर्सिटी ने IISF के 6वें संस्करण सेरेमनी का आयोजन - लखनऊ न्यूज़

डॉक्टर शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास यूनिवर्सिटी में भारत सरकार के आयोजित इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF-2020) के 6वें संस्करण के कर्टेन रेजर सेरेमनी का आयोजन हुआ.

डॉक्टर शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास यूनिवर्सिटी, लखनऊ
डॉक्टर शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास यूनिवर्सिटी, लखनऊ

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Published : Dec 8, 2020, 10:16 AM IST

लखनऊः भारत सरकार के आयोजित इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF-2020) के 6वें संस्करण के कर्टेन रेजर सेरेमनी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम कॉनक्लेव फॉर असिस्टिव टेक्नोलॉजी एण्ड दिव्यांगजन (CATD) विषय पर था. जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में यूपी के दिव्यांगजन सशक्तिकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अनिल राजभर ने शिरकत की. सीएसआरआई और विज्ञान भारती के सदस्य श्रेयान्श मण्डलोई, डॉक्टर रजनीश चतुर्वेदी, डॉक्टर एसके बारिक कार्यक्रम में शामिल रहे. डॉक्टर रंजना अग्रवाल और जयन्त ने कार्यक्रम में ऑनलाइन हिस्सा लिया.

दिव्यांगों को मिलेंगे रोजगार के अवसर
मंत्री राजभर ने कहा कि 15 फीसदी आबादी किसी न किसी तरह की दिव्यांगता का शिकार है. कार्यक्रम के माध्यम से हम उन लोगों तक पहुंच रहे हैं. जिसका उद्देश्य दिव्यांगजनों को विज्ञान से जोड़कर उनके लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिन्दगी का ऐसा कोई पहलू नहीं, जिसमें विज्ञान की उपयोगिता न हो. आम लोगों की सहभागिता से ही इसकी ख्याति बढ़ेगी. हमें इसके व्यापक प्रचार-प्रसार का प्रयास करना होगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा सकें. उधर, यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर राणा कृष्ण पाल सिंह ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य दिव्यांगों को सुगम और बाधारहित वातावरण प्रदान करना है. जिससे उनके लिए सफल जीवन के अवसर उपलब्ध हों. CATD इवेन्ट विश्वविद्यालय से जुड़ा है, ऐसे में इसका कर्टेन रेजर समारोह विद्यार्थियों के हित में है. ये एक वृहद कार्यक्रम है, जिसका लाभ देश के नागरिकों को जरूर मिलेगा.

कोविड-19 पर विचार

डॉक्टर रजनीश चतुर्वेदी के मुताबिक कोविड-19 की वजह से पैदा हुई परिस्थितियों में दिव्यांगों को अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ा. वैज्ञानिक होने के नाते हमारा उद्देश्य उनकी समस्याओं को समझते हुए उसका निराकरण करना है. इसी को ध्यान में रखते हुए मौजूदा महामारी से लड़ने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के कई पहलुओं पर 40 आयोजन होंगे, जिनमें इस बार 08 ये नये विषय शामिल किये गये है.

  1. भारतीय विज्ञान इतिहास
  2. दर्शन और विज्ञान
  3. एग्रीटेक
  4. स्वच्छ वायु
  5. ऊर्जा
  6. अपशिष्ट और स्वच्छता
  7. जैव विविधता
  8. विज्ञान कुटनीति

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