लखनऊः उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के अध्यक्ष डॉ. रामबाबू हरित ने अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के साल भर के कामकाज को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस उन्होंने पिछली सपा और बसपा सरकारों पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती कहने को दलित जरूर हैं. लेकिन दलितों को सहायता दिलाने में उन्होंने कोई रुचि नहीं दिखाई है. पिछली सपा सरकार ने भी अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों के लिए काम नहीं किया. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ही दलितों का भला किया है. उनकी समस्याओं का समाधान कराया है. शिकायतों का निस्तारण किया और समय पर आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई है. यही वजह है कि 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में दलितों ने भारतीय जनता पार्टी को वोट देकर फिर से सत्ता में वापस लौटाया है.
जवाहर भवन स्थित अपने कार्यालय में मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए डॉ. रामबाबू हरित ने बताया कि साल 2021-2022 में जून से लेकर मई माह तक कुल 6,210 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए. इनमें से 4,262 प्रकरणों में संबंधित विभागों को अपने स्तर से निस्तारण के लिए भेजा गया. 1918 प्रकरणों में संबंधित विभागों से आख्या (रिपोर्ट) मंगाकर आयोग से निस्तारण कराया गया. उन्होंने कहा कि कहा कि 31 अगस्त 2021 से पूर्व में विचाराधीन 342 और 328 नए प्रकरणों को मिलाकर कुल 670 प्रकरणों की सुनवाई की गई. सुनवाई के बाद 448 प्रकरणों का निस्तारण किया गया, 222 प्रकरणों में सुनवाई जारी है.