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डॉ. लालजी प्रसाद का विवादित बयान, अखिलेश यादव को कहा औरंगजेब - अखिलेश यादव भारतीय राजनीति का औरंगजेब

अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डॉ. लालजी प्रसाद ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को भारतीय राजनीति का औरंगजेब कहा है. उन्होंने कहा कि अखिलेश ने औरंगजेब की तरह अपने पिता मुलायम सिंह यादव को राजनीति से बेदखल कर उन्हें घर में बैठने के लिए मजबूर कर दिया.

डॉ. लालजी प्रसाद ने अखिलेश यादव को कहा  भारतीय राजनीति का औरंगजेब.
डॉ. लालजी प्रसाद ने अखिलेश यादव को कहा भारतीय राजनीति का औरंगजेब.

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Published : Feb 23, 2021, 6:23 PM IST

लखनऊ:अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने मंगलवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को भारतीय राजनीति का औरंगजेब करार दिया. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव के ऊपर एक के बाद एक हमले किए. लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा कि अखिलेश यादव भारतीय राजनीति के औरंगजेब हैं, जिसने अपने पिता मुलायम सिंह यादव को राजनीति से बेदखल कर उन्हें घर में बैठने के लिए मजबूर कर दिया. इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि सरकार में रहते हुए अखिलेश यादव ने दलितों को यश भारती पुरस्कार नहीं दिए. अंबेडकर को मानने वालों से अखिलेश यादव नफरत करते हैं, लेकिन इन दिनों वोट बैंक के लिए वह खूब दिखावा कर रहे हैं.

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'अखिलेश यादव भारतीय राजनीति के हैं औरंगजेब'

अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष श्री लालजी प्रसाद निर्मल ने सपा के मुखिया अखिलेश यादव को औरंगजेब कह डाला. उन्होंने कहा कि जिस तरह मुगल शासक औरंगजेब ने अपने पिता को सत्ता से हटाकर बेदखल किया था, उसी तरह अखिलेश ने भी मुलायम सिंह यादव को राजनीति से बेदखल कर घर में बैठने के लिए मजबूर कर दिया है.

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'दलित विरोधी हैं अखिलेश यादव'

डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा कि सपा मुखिया अखिलेश यादव आंबेडकर को मानने वालों से खुले तौर पर नफरत करते हैं. वह 2022 के विधानसभा चुनाव की खातिर वोट बैंक के लिए इन दिनों दलितों से बड़ा अपनापन दिखा रहे हैं, जबकि अपनी सरकार में 195 लोगों को यश भारती पुरस्कार दिया, जिसमें एक भी दलित शामिल नहीं था. उन्होंने यहां तक कहा कि अखिलेश मुगल मानसिकता से काम करते हैं. वहीं लखनऊ स्थित कांशीराम उर्दू अरबी फारसी यूनिवर्सिटी का नाम बदलकर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती उर्दू अरबी फारसी यूनिवर्सिटी कर दिया. वहीं बाबा साहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की पत्नी के नाम पर बने रमाबाई नगर जिले का नाम बदलकर कानपुर देहात कर दिया.

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