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शाहजहांपुर रेलखंड पर हो रहे इस काम ने लखनऊ मेल सहित दर्जनभर ट्रेनें कर दीं लेट

लखनऊ बरेली रेल रूट पर शाहजहांपुर रेल खंड पर नॉन इंटरलाकिंग के काम के कारण ट्रेनों का संचालन प्रभावित रहा. जिसके कारण लखनऊ से आने वाली ट्रेने काफी देरी से अपने गंतव्य पर पहुंची. ट्रेनों की देरी से यात्री भूख प्यास से बेहाल हो गए.

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Published : Apr 20, 2023, 10:08 PM IST

लखनऊ:लखनऊ बरेली ट्रेन रूट पर शाहजहांपुर रेल खंड पर गुरुवार को नॉन इंटरलाकिंग के काम के कारण ट्रेनों का संचालन प्रभावित रहा. जिसके चलते लखनऊ की तरफ से आ रही ट्रेनों की रफ्तार तीन से चार घंटे तक थम गई. शाहजहांपुर-बरेली के बीच नॉन इंटरलाकिंग का काम होने के चलते से ट्रेनों को रोक दिया गया. इस दौरान लखनऊ मेल सहित सुबह आने वाली कई ट्रेनें तीन से चार घंटे देरी से चारबाग पहुंची. ट्रेनें देरी से चारबाग पहुंचने पर जहां यात्री भूख और प्यास से बेहाल रहे, वहीं, ट्रेनों के इंतजार में सैकड़ों यात्री प्लेटफार्म पर भटकते रहे.

यात्री उस समय ज्यादा परेशान हुए जब उन्हें ट्रेनों के बारे में पूछताछ काउंटर पर जानकारी नहीं मिली. यात्रियों ने मदद एप पर इसकी भी शिकायत दर्ज कराई है. वहीं, देरी से लखनऊ आने वाली ट्रेनों में नई दिल्ली से आने वाली लखनऊ मेल, बरेली और शाहजहांपुर के बीच तीन घंटे लेट हो गई. यह ट्रेन सुबह 10:20 बजे लखनऊ पहुंची. इसी तरह नई दिल्ली-लखनऊ एसी सुपरफास्ट तीन घंटे की देरी से 10:25 बजे लखनऊ पहुंची. चंडीगढ़-लखनऊ सुपरफास्ट सुबह 8:25 बजे की जगह दोपहर 1:17 बजे लखनऊ पहुची.

बेगमपुरा व नौचंदी छह घंटे की देरी से लखनऊ पहुंची:वहीं, इसके अलावा योगनगरी ऋषिकेश-हावड़ा दून एक्सप्रेस सवा चार घंटे, जनता एक्सप्रेस साढ़े चार घंटे, बेगमपुरा छह घंटे, नौचंदी एक्सप्रेस पांच घंटे, अमृतसर-हावड़ा पंजाब मेल पौने पांच घंटे, चंडीगढ़ लखनऊ साढ़े तीन घंटे, दिल्ली-अयोध्या एक्सप्रेस पौने पांच घंटे, पदमावत एक्सप्रेस पौने छह घंटे देरी से लखनऊ पहुंची.

एयर स्प्रिंग चेन्जिंग गैजेट तैयार, लम्बी दूरी की ट्रेनें नहीं होंगी लेट:पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मण्डल के डीआरएम आदित्य कुमार के मार्गदर्शन में स्थानीय संसाधनों का उपयोग करते हुए एक एयर स्प्रिंग चेन्जिंग गैजेट को तैयार किया गया है. जिसके माध्यम से ट्रेन संचालन के दौरान, एयर स्प्रिंग के खराब हो जाने की दशा में इनरूट प्लेटफॉर्म/यार्ड में बदला जा सकता है.

पूर्वोत्तर रेलवे के जनसम्पर्क अधिकारी महेश गुप्ता ने बताया कि ट्रेनों के परिचालन के दौरान किसी भी यान के मार्ग में एयर स्प्रिंग के विफल होने पर ट्रेन को गंतव्य स्टेशन तक 60 किमी प्रति घंटे की प्रतिबंधित गति से संचालन का प्रावधान है. जिस कारण लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए इस प्रतिबंधित गति के साथ संचालन करने पर आगमन समय में विलम्ब होने की संभावना अधिक रहती है. इस गैजेट के माध्यम से अब लम्बी दूरी की गाड़ियों में ट्रेन संचालन के दौरान एयर स्प्रिंग के फेल होने पर उस विफल एयर स्प्रिंग को इनरूट प्लेटफॉर्म/यार्ड में बदलकर गाड़ी को परिचालन के समय में लेट होने से बचाया जा सकता है.

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