लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए करीब 2000 डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी. इसमें करीब दो हजार एमबीबीएस और बीडीएस डॉक्टरों को मेरिट सूची के आधार पर मौका दिया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग पहली बार नवनियुक्त हो रहे डॉक्टरों को पहली तैनाती व्यक्तिगत रूप से बुलाकर उनकी मनपसंद जगह पर देगा.
2000 डॉक्टरों की तैनाती का फैसला. उत्तर प्रदेश में डॉक्टरों की तैनाती की प्रक्रिया को पारदर्शी और बेहतर बनाने के लिए स्वास्थ विभाग ने एक बेहतर कदम उठाया है. जिससे कि नियुक्ति प्रक्रिया में किसी भी तरह की कोई बाधा उत्पन्न न होने पाए. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने करीब सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. लोक सेवा आयोग से चयनित डॉक्टरों की तैनाती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए व्यक्तिगत काउंसलिंग की व्यवस्था की जा रही है. इसमें करीब दो हजार एमबीबीएस और बीडीएस डॉक्टरों को मेरिट सूची के आधार पर मौका दिया जाएगा.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. ज्ञान प्रकाश सिंह ने बताया कि एमबीबीएस डॉक्टरों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और विशेषज्ञ चिकित्सकों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात किया जाएगा. काउंसलिंग के दिन ही डॉक्टरों को चिकित्सा इकाई का प्रमाण पत्र दिया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग पहली बार नवनियुक्त हो रहे डॉक्टरों को पहली तैनाती उनको व्यक्तिगत रूप से बुलाकर मनपसंद जगह पर देगा.
इसके लिए डॉक्टरों को सरकारी सेवा से जोड़ने के लिए कई अन्य व्यवस्था की जा रही हैं. चिकित्सकों को प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है.