लखनऊ: एक तरफ स्तनपान को अमृत समान बताते हुए उसे प्रोत्साहन पर जोर दिया जाता है तो वहीं दूसरी ओर इसे बढ़ावा देने के लिए जरूरी इंतजाम भी नहीं किए जा रहे हैं. प्रत्येक वर्ष अगस्त के पहले सप्ताह में विश्व स्तनपान सप्ताह (वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक) मनाया जाता है. ताकि बाल विकास वर्ग पोषण को सुनिश्चित किया जा सके. ऐसी पहल होने के बावजूद भी ज्यादा असर देखने को नहीं मिल रहा है.
वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक 2019 पर नई पहल की शुरुआत-
- महिला चिकित्सालय की एसआईसी डॉ. नीरा जैन कहती हैं कि तमाम आधुनिकताओं के बावजूद भी स्तनपान आज भी एक शर्म का विषय बना हुआ है.
- अक्सर सार्वजनिक स्थानों पर माताएं स्तनपान कराने से कतराती हैं, क्योंकि उसके लिए वहां पर उचित व्यवस्था नहीं होती है.
- डॉ. नीरा जैन कहती हैं कि एक बच्चे के लिए स्तनपान अमृत समान होता है.
- ऐसे में तमाम सार्वजनिक स्थानों पर ब्रेस्टफीडिंग कॉर्नर बनाना आज की जरूरत है.
- डॉ. कहती हैं कि बहुत ज्यादा व्यवस्था करने की जरूरत नहीं है. महज एक केबिन या क्यूबिकल बना देना चाहिए.
- नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान, चिड़िया घर में और अस्पताल के ओपीडी में भी जगह-जगह पर ब्रेस्टफीडिंग कॉर्नर बनाए गए हैं.
- डॉ. नीरा कहती हैं कि बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन समेत सभी मॉल्स में ब्रेस्ट फीडिंग कॉनर्स की सुविधा होनी चाहिए.