लखनऊ: राजधानी में ज्यादातर अस्पतालों के डॉक्टर व स्टाफ संक्रमण की जद में हैं. कोरोना मरीजों को देखते हुए ये सभी डॉक्टर भी संक्रमित हो गए. फिलहाल जब अस्पतालों के डॉक्टर और स्टॉफ बीमारी से लड़ रहे हैं, तो सोचिए मरीजों का क्या हाल होगा. अब कोविड मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टॉफ का भी संकट गहराने लगा है. इससे सरकारी व निजी संस्थानों में कोविड वार्ड में ड्यूटी के लिए स्टॉफ नहीं मिल रहा है. ऐसी स्थिति में सरकारी संस्थानों में गैर जिले से डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टॉफ बुलाए जा रहे हैं. वहीं निजी कोविड संस्थानों ने कोविड ड्यूटी के लिए डॉक्टरों की भर्ती भी शुरू कर दी है. लोकबंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि अस्पताल का आधा स्टॉफ संक्रमित हो चुका है. ऐसे में डॉक्टर व स्टॉफ की कमी बनी हुई है. कुछ डॉक्टर अभी मिले हैं, लेकिन और स्टॉफ की मांग की गई है.
दूसरे जिले से आए हैं डॉक्टर
बलरामपुर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु ने बताया कि बलरामपुर को कोविड अस्पताल बने करीब 20 दिन हो चुके हैं. यहां 300 बेड पर मरीजों की भर्ती की जा रही है. कोविड डयूटी करने वाले डॉक्टर सहित उनके संपर्क में आए करीब 40 से अधिक डॉक्टर और 100 से अधिक का स्टॉफ संक्रमित हो चुका है. ऐसे में डॉक्टरों की कमी हो गई. इस पर गैर जिलों से पांच डॉक्टर बुलाकर उनकी सेवाएं ली जा रही हैं. हालांकि अभी भी डॉक्टर और स्टॉफ की मांग है. उधर, लोकबंधु कोविड अस्पताल में आठ डॉक्टर समेत 50 लोग संक्रमित हो चुके हैं. यहां कोविड मरीजों की जांच के लिए महज लैब टेक्नीशियन व रेडियोलॉजी विभाग में एक कर्मचारी ही बचा है. यहां भी आसपास के जिलों से चार डॉक्टरों की टीम बुलाकर किसी तरह कोविड मरीजों का इलाज किया जा रहा है.
लोहिया संस्थान में 40 फीसदी स्टाफ संक्रमित
लोहिया संस्थान में कोविड ड्यूटी करने वाले वालों सहित दूसरे डॉक्टर व स्टॉफ को मिलाकर 40 प्रतिशत से अधिक लोग पॉजिटिव हो चुके हैं. इसमें करीब 50 से अधिक फैकल्टी व रेजिडेंट भी शामिल हैं. यहां भी डॉक्टर और स्टॉफ का संकट खड़ा होता जा रहा है. वहीं लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश ने बताया कि संस्थान का करीब 40 प्रतिशत स्टाफ संक्रमित हो चुका है. इसमें डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टॉफ शामिल है. संकट तो बना हुआ है, लेकिन किसी तरह सेवाएं ली जा रही हैं.