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डॉक्टर शकुंतला विवि दीक्षांतः दिव्यांग छात्रों को संबोधित कर बोले IIT दिल्ली के प्रोफेसर विक्रम- 'आप में है असीमित हौसला' - बोलने के लिए वॉयस सिंथेसाइजर का इस्तेमाल

सोमवार को हुआ डॉक्टर शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय का 8वां दीक्षांत समारोह. आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर विक्रम कुमार रहे समारोह के मुख्य अतिथि. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की डॉक्टर शकुंतला विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह कार्यक्रम की अध्यक्षता. कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अनिल राजभर भी हुए शामिल.

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

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Published : Nov 29, 2021, 5:56 PM IST

लखनऊःडॉक्टर शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ का सोमवार को 8वां दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ. कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की. प्रतिष्ठित शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर विक्रम कुमार इस समारोह के मुख्य अतिथि रहे. दिव्यांग छात्रों को संबोधित करते हुए प्रोफेसर ने उन्हें सफलता का मंत्र दिया.

विश्वविद्यालय के 8वें दीक्षांत समारोह में प्रोफेसर विक्रम ने कहा कि हम सभी के पास कोई न कोई कमी होती है. बावजूद दुनिया ऐसे लोगों के उदाहरणों से भरी पड़ी है. जिन्होंने अत्यधिक विकलांग होने के बावजूद महानता हासिल की. जैसे वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग जो तीस साल तक लकवाग्रस्त थे और उन्हें बोलने के लिए वॉयस सिंथेसाइजर का इस्तेमाल करना पड़ा था फिर भी उनको कॉस्मोलॉजी का एक्सपर्ट माना जाता था. नोकोलस व्युजेसिक जो बिना किसी हाथ और पैर के पैदा हुआ था. वह अब 40 साल के हैं और ऑस्ट्रेलिया में एक उपदेशक है.

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प्रोफेसर ने कहा मैं टीवी पर 'कौन बनेगा करोड़पति' प्रोग्राम देखता हूं. ‘हाल ही में मैंने देखा कि हिमानी बुंदेला केबीसी में आई और 1 करोड़ रुपये जीती. वह आगरा में एक शिक्षिका हैं और 11 साल की उम्र में एक दुर्घटना के कारण लगभग अंधी हो गई थी. जब मैं अमेरिका में रहकर पीएचडी कर रहा था तो मेरा जर्मन रूम मेट का एक पैर दूसरे से करीब एक इंच छोटा था. लेकिन वह हर दिन 5 मील दौड़ता था.

समारोह में विश्वविद्यालय के उत्तीर्ण कुल 1620 विद्यार्थियों को उपाधि वितरित की गई. 115 विद्यार्थियों के बीच 145 मेडल वितरित किए गये. 115 में 60 छात्राओं और 50 छात्रों को मेडल मिले. 12 दिव्यांग विद्यार्थी भी मेडल पाने में सफल रहे हैं. इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कौन बनेगा करोड़पति सीजन 13 में एक करोड़ रुपये जीतने वाली विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा हिमानी बुंदेला को 21 हजार रुपये का चेक, स्मृति चिन्ह और वस्त्र प्रदान किया.

कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अनिल राजभर ने दीक्षान्त समारोह में प्रतिभाग किया. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राणा कृष्ण पाल सिंह के साथ कुलसचिव अमित कुमार सिंह और विश्वविद्यालय की सामान्य परिषद कार्यपरिषद एवं विद्यापरिषद के सम्मानित सदस्यगण, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति विद्यायिका, कार्यपालिका के गणमान्य प्रतिनिधि विश्वविद्यालय के समस्त अधिष्ठाता समेत अन्य उपस्थित रहे.

इस अवसर पर राज्यपाल ने नोएडा के जिलाधिकारी सुहास एलवाई का उदाहरण देते हुए कहा कि जो देश की वरिष्ठतम सिविल सेवा की परीक्षा में सफल होकर आज एक आईएएस अफसर भी हैं और बैडमिंटन के विश्वस्तरीय खिलाड़ी भी है. राज्यपाल ने कहा आप सब आज यहां से उपाधि ग्रहण करके सामाजिक जीवन में अग्रसर हो जायेंगे. यहां समारोह में छात्र भी हैं और छात्राएं भी है. आज के इस समारोह में ही बहुत सी छात्राएं ऐसी भी होंगी जो बहुत संघर्ष करके उच्च शिक्षा प्राप्त करने यहां तक पहुंची.

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