लखनऊ : लोहिया संस्थान की महिला डॉक्टर के फेफड़े के ट्रांसप्लांट को लेकर अस्पताल का चयन हो गया है. सब कुछ ठीक रहा तो डॉक्टर को एयर एंबुलेंस से हैदराबाद के कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेस (किम्स) शिफ्ट किया जाएगा. स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में डॉ. शारदा सुमन जूनियर रेजिडेंट के पद पर तैनात हैं.
वह संस्थान से डीएनबी कोर्स भी कर रहीं हैं. हाल में ही उनकी शादी हुई थी. पति भी बतौर रेजिडेंट कार्यरत हैं. डॉ. शरादा गर्भवती थीं. बावजूद इसके उन्होंने मेडिकल लीव नहीं ली. कोरोना की लहर के बीच महिला इमरजेंसी में ड्यूटी करती रहीं. कई गर्भवती महिलाओं का इलाज कराया. उनका प्रसव कराया. इसी बीच 12 अप्रैल को शारदा को बुखार आया. जांच कराई गयी. 14 अप्रैल को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई.
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वेंटिलेटर पर डॉक्टर का कराया गया प्रसव
पॉजिटिव आने के बाद डॉ. शारदा को सांस लेने में तकलीफ होने लगी. 14 अप्रैल को उन्हें लोहिया के कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया. हालत बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर पर रख दिया गया. एक मई को डॉक्टरों ने शिशु की जान बचाने का फैसला किया. ऐसे में वेंटिलेटर पर भर्ती गर्भवती रेजिडेंट डॉक्टर का प्रसव कराया गया. वहीं, डॉक्टर की हालत गंभीर बनी हुई है.
46 दिन से ईकमो मशीन पर हैं डॉक्टर
डॉ. शारदा छह मई को कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव हो गई. मगर, इस दरम्यान उनका फेफड़ा पूरी तरह खराब हो गया. इसके बाद उन्हें नॉन कोविड आईसीयू में शिफ्ट कर ईकमो मशीन पर रखा गया. यह मशीन कृत्रिम हार्ट व फेफड़े का काम करती है. संस्थान के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश सिंह के मुताबिक डॉक्टर व परिवारजनों के बीच संस्थान के चयन को लेकर चर्चा हुई. डॉक्टर की सलाह के बाद परिवारीजनों ने किम्स में फेफड़ा प्रत्यारोपण की सहमति जताई है. ट्रांसप्लांट के लिए डेढ़ करोड़ मुख्यमंत्री ने मंजूर किए हैं.