लखनऊ: केजीएमयू के कई डॉक्टर रंगीन मिजाज के हैं. कैम्पस में उनके प्यार के किस्से अक्सर फिजा में तैरते रहते हैं. वहीं, कुछ का डबल प्यार भी घरों की दीवारों से छनकर बाहर आता रहता है. खैर, निजी जिंदगी का हवाला देकर यूनिवर्सिटी प्रशासन अक्सर नजरें फेरता रहा है. मगर, इस बार दो बीवी रखने का शौक एक डॉक्टर पर भारी पड़ता दिख रहा है. लिहाजा, उन पर कुलपति ने जांच बैठा दी है. इसको लेकर संस्थान में छात्रों से लेकर शिक्षकों तक में चर्चाएं छिड़ गई हैं. केजीएमयू में 450 से अधिक शिक्षक हैं. वहीं, 800 से ज्यादा जूनियर डॉक्टर हैं. यहां के डॉक्टरों को दुनियाभर में जॉर्जियन के नाम से जाना जाता है. मेडिकल क्षेत्र में इनका अपना अलग ही रुतबा है. मगर, कभी कभार कुछ डॉक्टरों के कारनामें उसकी साख पर बट्टा भी लगाते रहते हैं.
ऐसे में काली करतूतों के जरिये जहां वह सीबीआई, लोकायुक्त जैसी जांच के घेरों में हैं. वहीं कई दिलफेंक डॉक्टर आंतरिक जांच की भी गिरफ्त में आ चुके हैं. इसमें छात्रा व सहयोगी स्टाफ से बदनीयती, छेड़छाड़ के मामले तो उजागर हुए ही, लेकिन इस बार दंत संकाय के एक वरिष्ठ डॉक्टर पर डबल बीबी का शौक भारी पड़ता दिख रहा है. कारण, सरकारी सेवा में रहते हुए दो शादी करना कानूनी तौर पर गलत माना जाता है.
चार डॉक्टरों की टीम करेगी जांच
कुलपति डॉ. विपिन पुरी ने दो बीवी रखने के आरोपों में डॉक्टर के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं. इसमें चार सदस्यीय टीम यह जांच करेगी डॉक्टर की दो बीवी हैं या नहीं है. कहीं दूसरी शादी तलाक लेकर तो नहीं की या फिर डॉक्टर साहब दोनों बीवी से शादी कर रह रहे हैं. इस मामले की पूरी तहकीकात कर रिपोर्ट 15 दिन में सौंपेंगे. इसके बाद डॉक्टर के खिलाफ सरकारी सेवा नियमावली के तहत कार्रवाई होगी. इसमें निलंबन से लेकर बर्ख़ास्तगी तक की सजा है. जांच टीम में डीन डेंटल डॉ. आरके सिंह, माइक्रोबायोलॉजी की हेड डॉ. अमिता जैन, लीगल सेल के डॉ. मनीष बाजपेयी, ईएनटी के डॉ. वीरेंद्र वर्मा शामिल हैं.