नई दिल्ली: कोरोना की ये नई लहर मासूमों को भी अपनी चपेट में ले रही है. नवजात से लेकर 11-12 साल के बच्चे भी संक्रमित पाए जा रहे हैं, जिसने सभी की चिंताएं बढ़ा दी हैं. वहीं एक्सपर्ट्स का मानना है कि वायरस का यह नया स्ट्रेन पहले से ज्यादा खतरनाक है, जो तेजी से संक्रमण फैला रहा है और क्योंकि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है. इसीलिए इस बार बच्चों में भी कोरोना का संक्रमण देखने को मिल रहा है.
ना के बढ़ते संक्रमण पर एक्सपर्ट की राय. नवजात से लेकर 11-12 साल के बच्चे भी हो रहे संक्रमित
एससीआई इंटरनेशनल हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर हिमांशु शेखर ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि कोरोना की ये दूसरी लहर पहले से ज्यादा खतरनाक है और ज्यादा तेजी से लोगों में संक्रमण फैला रही है. इस लहर की शुरुआत में देखने को मिल रहा था कि 30 से 45 साल के लोग ज्यादा संक्रमित हो रहे थे वहीं इस महीने की शुरुआत में देखा गया कि नवजात बच्चे भी इससे संक्रमित पाए गए और 11 से 12 साल के बच्चे भी संक्रमित हुए.
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'वायरस का म्यूटेशन बढ़ा रहा खतरा'
डॉ. हिमांशु ने बताया कि इस वेब में हम म्यूटेशन शब्द बार-बार सुन रहे हैं, यानी कि दूसरी बार संक्रमण के फैलने पर इसमें बदलाव हुआ है और वायरस के अलग-अलग वैरीअंट भी देखने को मिले हैं, जिसमें साउथ अफ्रीका वैरीअंट, यूके वैरीअंट, ब्राजील वैरीअंट और अब इंडियन वैरीअंट भी सामने आ रहा है. इससे साफ है कि वायरस में बदलाव हुआ है और ये तेजी से फैल रहा है. पिछले साल जहां बहुत कम गिने-चुने बच्चों में ही संक्रमण देखने को मिला था, वहीं इस बार बहुत तेजी से काफी संख्या में बच्चों में संक्रमण देखा जा रहा है.
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'14 दिन के बच्चे भी हो रहे संक्रमित'
डॉक्टर ने कहा कि हाल ही में उनके सामने एक 14 दिन के बच्चे में संक्रमण पाए जाने का मामला भी आया, परिवार में पहले पिता को संक्रमण हुआ, जिसके बाद अन्य सदस्यों और फिर 14 दिन का बच्चा भी संक्रमित हो गया. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों के सामने भी काफी चुनौतियां आ रही है, जब वायरस अपना रंग बदल रहा है, तो ऐसे में इसका इलाज भी तुरंत बदलना पड़ रहा है, वहीं कई ऐसे मामले भी देखे जा रहे हैं, जिसमें सभी लक्षण होने के बावजूद लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आती है. ऐसे में उन लोगों का पता लगा पाना काफी मुश्किल होता है और जब तक उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तब तक संक्रमण काफी तेजी से फैल चुका होता है. यह भी एक कारण है कि यह संक्रमण अब बच्चों तक भी पहुंच रहा है.
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'किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर तुरंत करें डॉक्टर से संपर्क'
डॉ. हिमांशु ने बताया कि यदि आप अपने बच्चे में बुखार, चिड़चिड़ापन, उल्टी, पेट दर्द, गैस आदि की समस्या देख रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बच्चों में इस दौरान भूख न लगना, स्वाद ना आना जैसी परेशानी भी देखी जा रही है जो कि आम परेशानियां हैं. ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है. यदि कोई भी परेशानी होती है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.
'किसी भी परिस्थिति में घबराने की जरूरत नहीं'
डॉक्टर ने कहा कि इस बीमारी से लड़ते हुए 1 साल हो चुका है. शुरुआत में इस बीमारी को लेकर जानकारी नहीं थी, लेकिन अब जानकारी हो चुकी है तो किसी भी तरीके से बीमारी को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है और यकीन मानिए डॉक्टर की सलाह पर 80 फ़ीसदी तक इलाज आप घर पर ही रहकर कर सकते हैं.