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लखनऊ बार और इसके सदस्यों को न दें कोई मान्यता, हाईकोर्ट ने चुनाव न कराने पर दिया आदेश - सोसायटीज रजिस्ट्रेशन अधिनियम

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने चुनाव न कराने पर लखनऊ बार एसोसिएशन (Lucknow Bar Association)के विरुद्ध कड़ा रुख अख्तियार किया है. कोर्ट ने, जिलाधिकारी व अन्य अधिकारियों को बार और इसके सदस्यों को कोई मान्यता न देने का आदेश दिया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 23, 2023, 10:32 PM IST


लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जिलाधिकारी और अन्य अधिकारियों को आदेश दिया है कि लखनऊ बार एसोसिएशन व इसके पदाधिकारियों और सदस्यों को कोई मान्यता न दी जाए. इसके पूर्व न्यायालय ने आदेश के बावजूद दस हजार से अधिक अधिवक्ताओं वाली कलेक्ट्रेट स्थित लखनऊ बार एसोसिएशन का चुनाव न कराने पर नाराजगी जाहिर की थी. यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी व न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने लखनऊ बार एसोसिएशन की एल्डर्स कमेटी की ओर से दाखिल रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया है.

दरअसल, लखनऊ बार एसोसिएशन का गठन सोसायटीज रजिस्ट्रेशन अधिनियम के तहत हुआ है. इसके चुनाव जैसे विवाद पर सुनवाई का अधिकार उक्त अधिनियम के तहत सम्बंधित अधिकारियों को प्राप्त है. इस तथ्य पर संज्ञान लेते हुए न्यायालय ने कहा कि आमतौर पर वह ऐसे विवादों पर स्वयं सुनवाई नहीं करता. लेकिन वकीलों का मामला होने के कारण उसने मामले की सुनवाई करते हुए 17 अक्टूबर 2023 को सभी पक्षों की सहमति से आदेश जारी किया था. जिसमें 9 नवंबर 2023 तक चुनाव कराने को कहा गया था.

न्यायालय ने एल्डर्स कमेटी को यह भी आदेश दिया था कि वह बार की गतिविधियों को तत्काल टेक ओवर कर ले. सुनवाई के दौरान एल्डर्स कमेटी और बार के जनरल बॉडी की ओर से न्यायालय को बताया गया था कि दोनों पक्षों में एल्डर्स कमेटी में शामिल नामों पर सहमति बन गई है. न्यायालय को यह भी अवगत कराया गया था कि एल्डर्स कमेटी में एसजेएस सूरी, शिव शंकर, सूबेदार खान, मो. उजैर हसन सिद्दीकी, दिनेश श्रीवास्तव, सरताज अहमद सिद्दीकी, रमेश सिंह, कन्हैया लाल गौतम, राम कुमार यादव व संतोष कुमार यादव होंगे. न्यायालय ने कहा कि उक्त आदेश का सम्मान नहीं किया गया. पक्षकार अपने विवाद के समाधान के लिए संबधित अधिकारी के सामने अपनी बात रखने के लिए स्वतंत्र हैं.

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